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फर्जी जाती प्रमाण पत्र पर नौकरी विरोध में सतनामी समाज के युवाओं ने किया था नग्न प्रदर्शन तब भाजपा आई थी युवाओं के पक्ष में अब

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बिलासपुर, 22 जून 2024। 
छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों की कुल संख्या 350 है। उसमें से मात्र 25 पर ही बर्खास्तगी की कार्यवाही हो पाई यह मामला कितना संवेदनशील है उसका अंदाज़ इसी बात से लगाया जा सकता है कि 18 जुलाई 2023 को सतनामी समाज के युवाओं ने रायपुर में नग्न प्रदर्शन कर दिया था। बौखलाए हुए जिला प्रशासन ने जब प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और जेल दाखिल किया तो भारतीय जनता पार्टी नग्न दर्शन करने वाले युवाओं के समर्थन में उतरी थी। राज्य बनने के बाद से यह मामला लगातार सुर्खियों में हैं।
जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे तब फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर सबसे बड़ी कार्यवाही पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी का जाति प्रमाण पत्र रद्द होना और उनके खिलाफ एफआईआर को माना सकता है। राज्य सरकार के 28 कार्यालयों में लगभग 267 फर्जी जाती प्रमाण पत्र के आधार पर पुरुष और महिला नौकरी कर रहे हैं। फर्जी जाती प्रमाण पत्र की कुल 758 शिकायतें हुई थी इनमें से 267 मामलों में हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट तक में संबंधित कर्मचारी का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया और उसे नौकरी से निकाला जाना था। पर 25 के खिलाफ ही कार्यवाही हुई और शेष मामला ठंडे बस्ते में चला गया। 
इसी तरह एक मामला सहकारी संस्थाओं का भी है।
बिलासपुर कार्यालय में एक सहकारी निरीक्षक का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है, हाईपावर कमेटी जांच कर के प्रमाण पत्र को फर्जी पा चुकी है। बिलासपुर कार्यालय के अधिकारी ने समस्त जांच एवं स्वयं की अनुशंसा के साथ यह मामला रायपुर सचिवालय को भेज दिया था। पर जिन दिनों इस विभाग के सचिव हेम शिखर गुप्ता थे उसी वक्त यह फाइल गायब हो गई। उच्च न्यायालय से भी यह प्रकरण खारिज हो चुका है। इतने के बावजूद कर्मचारी मजे से हर माह वेतन उठाता है। फर्जी जाती प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी दफ्तरों में सैकड़ों लोग काम कर रहे हैं। पर नई सरकार के लिए भी यह मुद्दा मायने नहीं रखता।