क्या सिर्फ हाई प्रोफाइल केस के लिए है ......?
मेरे लापता बच्चा को मुझ तक पहुंचा दो साहब पिता यशवंत की गुहार
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बलौदाबाजार, 10 अक्टूबर 2024। समाचार संकलन जिला प्रतिनिधि
कलेक्टर के पास आज एक पीढ़ी पिता अपने बच्चों को लेकर के आवेदन प्रस्तुत करने आया था जिन्होंने अपने प्रपत्र के माध्यम से बताया कि शासकीय प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास अर्जुनी से लापता छात्रा की सूचना एवं कार्यवाही करने के संबंध में आया हूं कि मैं यशवंत कुमार ध्रुव पिता राम भरोसा ध्रुव ग्राम पंचायत देवरानी पोस्ट मल्दी थाना सुहेला का रहने वाला हूं जो की मजदूरी करके जीवन यापन करता हूं।
छात्रावास से लापता छात्र लव कुमार ध्रुव मेरा पुत्र है जो की अर्जुनी आदिवासी बालक छात्रावास में रहकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टोनाटार में कक्षा नवमी में पढ़ाई कर रहा था। मेरा पुत्र छात्रावास से 3 अक्टूबर को कहां चला गया था जिसकी सूचना संस्था के कर्मचारियों ने मुझे उसी दिन दिया था, इसके बाद मैं दुर्ग में मजदूरी कार्य कर रहा था उसको छोड़कर छात्रावास में हाल-चाल जानने के लिए पहुंचा थातो छात्रावास अधीक्षक और कर्मचारियों से मेरी बातचीत हुई जिसमें उन्होंने कहा कि आपका पुत्र लव कुमार डोंगरगढ़ गया हुआ होगा करके शंका जताने लगे और कहा कि नवरात्रि पंचमी तक लापता होने की सूचना को प्रचार-प्रसार नहीं करना है गोपनीय रखते हुए अपने रिश्तेदारी में लव कुमार को ढूंढना है मैंने अधीक्षक द्वारा कही गई बातों को मानते हुए नवरात्रि पंचमी तक गोपनीय ढंग से पतासाजी कर रहा था। परंतु पंचमी तक पुत्र लव कुमार की सूचना नहीं मिल रही थी तब मैंने समाज में अपनी समस्या रखी तो समाज ने अधिकारियों से बातचीत किया और आपके पास में आवेदन भी किया था जो बिल्कुल सत्य है।
ध्यान आकर्षण हो कि जब मैं 5 अक्टूबर को छात्रावास पहुंचा तो एक आवेदन में मेरा हस्ताक्षर करवाया गया उसमें क्या लिखा था या मुझे पता नहीं था जब समाज को मैंने जानकारी दिया कि अधीक्षक ने एक पत्र में मेरे से हस्ताक्षर लिया है तो, समाज में उस पत्र को अधीक्षक से मांग कर सभी के बीच में पत्र का पाठन किया तब समझ में आया कि आवेदन में पुत्र सहित सामान को मैं अपने साथ ले जा रहा हूं जो कि गलत है और मुझे हस्ताक्षर के समय इसकी जानकारी नहीं थी।
इसके पश्चात दिनांक 8/10/24 को रात्रि के समय भाटापारा ग्रामीण थाना की पुलिस मेरे निवास ग्राम देवरानी पहुंची थी तो मेरे को पूछ ताछ किया और कल थाना आने को कहा तो में दिनांक 9/10/ 24 क लगभग 12:00 बजे थाना पूछ के बाद छात्रावास के कर्मचारी कमल टंडन ने फिर से मुझे गुमराह करते हुए एक और आवेदन में हस्ताक्षर करवाया जिसमें लिखा था कि कमल टंडन और अधीक्षक महेश्वरी की कोई गलती नहीं है उसे पत्र को मेरे सामाजिक मित्र ने पढ़ तो उसका विरोध किया पत्र संलग्न है उक्त पत्र मुझे गुमराह करके लिखा गया है जिसे शुन्य माना जाए तथा मेरे बच्चे को जल्द से जल्द पताशा जी कर मुझे सुपुर्द किया जाए और गुमराह करके दो-दो आवेदन पर मुझे दस्तक करवाया गया जिसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। पूरे बातों को लेकर के पिता और माता ने जिलाधीश दीपक कुमार सोनी से मुलाकात किया जिसमें जिलाधीश ने बच्चों को वापस लाने तथा मामले को लेकर कार्यवाही करने के हेतु आश्वासन दिया।