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इस बार नहीं काम आया कोई जुगाड़, अंततः हटाए गए सुरेश सिंह जानिए कहां भेजे गए पढ़ें पूरी खबर

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समाचार -
बिलासपुर । 15 साल तक बिलासपुर में ही जमे रहकर अनेक गंभीर आरोपों से घिरे महिला एवम बाल विकास विभाग के चर्चित जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश सिंह को राज्य शासन ने अंततः बिलासपुर से हटा दिया है ।पूरे नौकरी के दौरान मैदानी इलाकों में पदस्थ रहने वाले सुरेश सिंह के खिलाफ इतनी सारी गंभीर शिकायतें मिली कि शासन ने उसे एक झटके में ही नक्सली प्रभावित जिला सुकमा भेज दिया है । 
बिलासपुर से सुरेश सिंह को हटाने के लिए कांग्रेस संगठन के एक बड़े पदाधिकारी ,जिला पंचायत के एक प्रमुख पदाधिकारी और नगर निगम से जुड़े एक बड़े नेता ने मुख्यमंत्री और महिला एवम बाल विकास विभाग की मंत्री को संयुक्त रूप से पत्र लिखा था ।विभागीय मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने तबादले की पुष्टि करते हुए बताया कि राज्य सरकार प्रदेश की महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित है और इनके लिए लागू की गई योजनाओं में गड़बड़ी और धांधली कदापि बर्दाश्त नहीं की जायेगी तथा ऐसे लिप्त लोगो के खिलाफ महिला एवम बाल विकास विभाग कड़ी कार्रवाई करने में कोई देरी नही करेगी ।ऐसे लोगो के कृत्य से राज्य शासन की छवि खराब होती है जो कदापि बर्दाश्त नहीं किया जायेगा ।
उल्लेखनीय है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश सिंह की कार्यशैली को लेकर राज्य सरकार और विभागीय मंत्री को लगातार शिकायते मिल रही थी। पिछले माह जिला पंचायत ,नगर निगम के कुछ बड़े पदाधिकारी और कांग्रेस संगठन के एक प्रमुख पदाधिकारी ने भी सुरेश सिंह के खिलाफ शिकायत करते हुए कहा था कि वे विरोधी दलों से जुड़े नेताओ को तरजीह देते हुए कांग्रेस के लोगो को बेइज्जत करते रहते है । कांग्रेस के ही प्रमुख लोगो की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए महिला एवम बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने सुरेश सिंह बिलासपुर से हटाने और सुकमा भेजने की सिफारिश की जिस पर मुख्यमंत्री और समन्वय समिति ने सहमति जताई उसके बाद सुरेश सिंह का सुकमा तबादला आदेश जारी कर दिया गया ।
उल्लेखनीय है कि सुरेश सिंह अपनी स्वेच्छाचारिता के कारण विवादास्पद हो गए थे तथा अनेक परियोजना अधिकारी और कर्मचारी उनसे प्रताड़ित हो रहे थे । वे विभाग की डायरेक्टर और सचिव तक का आदेश नही मानते थे । रेडी टू इट कार्यक्रम के लिए महिला समूह का चयन करने में भी धांधली की शिकायते मिलती रही । पिछले साल विभाग में हुए ठोक तबादलो से प्रभावित अपने लोगो को सुरेश सिंह ने हाईकोर्ट जाने के लिए प्रेरित तक किया था ।उनके खिलाफ कई गंभीर शिकायतों की जांच अभी भी लंबित है मगर शिकायतो का घड़ा तब भर गया जब कांग्रेस के ही नेताओ ने सुरेश सिंह को बिलासपुर से हटाने की मांग की । अंततः विभागीय मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने बड़ी सर्जरी करते हुए विवादित जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश सिंह को सीधे सुकमा भेजने की अनुशंसा की जिस पर मुख्यमंत्री और समन्वय समिति ने अपनी मुहर लगाते हुए आदेश दे दिया ।