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जिसे नौकरी से हो जाना था बर्खास्त उसे कैसे मिला प्रमोशन ?

कंगाल मानसिकता की अधिकारी के बल पर ठाकूर कमा रहा लाखों

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समाचार -

बिलासपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग में भारतीय जनता पार्टी शासन काल में नवंबर 2005 में परियोजना अधिकारी से सहायक संचालक के लिए डीपीसी हुई सुरेश सिंह का नाम वरिष्ठता क्रम में 40 वें नंबर पर था यही सबसे बड़ी गड़बड़ी थी क्योंकि इसने तो अपनी परिवीक्षा अवधी ही पूरी नहीं की थी बिना सूचना बिना अनुमति 10 मई 2001 से 16 सितंबर 2002 तक शानदार 18 महीने कार्यस्थल से गायब था विभाग ने उसे डाईजनान माना था 2005 की वरिष्ठता सूची में नाम ही नहीं होना था नाम शामिल था पदोन्नति पा गया पदोन्नति में गड़बड़ी की शिकायत हुई जांच अधिकारी जे केरकेट्टा ने पदोन्नति निरस्त करने की सिफारिश की आज तारीख तक रिपोर्ट गायब है। सुरेश सिंह बिलासपुर जिसे न्यायधानी का तमगा दिया जाता है में पदस्थ हैं। दर्जनों बार उच्च न्यायालय में प्रस्तुत होता है और हर महीने करोड़ों के रेडी टू ईट में कमीशन का बंटवारा करता है। ऐसे कई संगीन, गंभीर आरोप इन पर लगे हैं। पर जिस विभाग में एक मंत्री स्वयं महिला हो, संसदीय सचिव महिला हो, सचिव महिला हो इन सबके बाद महिलाओं का शोषण करने वाला भ्रष्ट अधिकारी ठाकुराशि दिखाएं इसे क्या शोले पिक्चर कहें।