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ब्लॉक मुख्यालय में चलते, गैर कानूनी नर्सिंग होम पर कार्यवाही के पूर्व ही अधिकारियों के फुल जाते हैं हाथ पांव

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बिलासपुर, 19 सितंबर 2024।
बिलासपुर कलेक्टर महोदय फर्जी अंडर क्वालीफाई कथित चिकित्सकों के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं। अब यह निर्देश पूरी तरीके से खोखला और बनावटी साबित होने जा रहा है। कारण चिकित्सा विभाग संबंधित एसडीम, संबंधित ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी और संबंधित थाना ना कभी टीम बन पाएगी ना करवाई होगी। 
कलेक्टर साहब कितने भी ईमानदार हो, पारदर्शिता बरते पर उनके अधीनस्थ कर्मचारी तो कमाने का कोई रास्ता नहीं छोड़ते। चिकित्सा विभाग ने कलेक्टर के निर्देश पर दो दिन कार्यवाही की और ये कार्यवाहियां ब्लॉक मुख्यालय पर ना होकर दूर-दूर थी। अब इन पर ब्रेक लग गया। ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी किसी क्लीनिक पर जांच के लिए तभी जाएगा जब एसडीएम समय दे, एसडीएम व्यस्त है तो वह अपना प्रतिनिधि क्षेत्रवार तहसीलदार या नायब तहसीलदार को अधिकार देगा। फिर फर्जी क्लीनिक की सूचना जहां है वहां का थाना बल उपलब्ध कराएगा और यह सब कुछ लिखित में होगा। लाल फिताशाही के दौर में इतनी लिखित कार्यवाही की प्रक्रिया चलाई ही इसलिए जा रही है कि कथित चिकित्सा जो अवैध रूप से क्लिनिक या नर्सिंग होम चला रहा है वह कुछ दिन के लिए अपना क्लीनिक बंद कर दे या मंथली वसूली के साथ अतिरिक्त सुविधा शुल्क भेज दे।