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अब वैसी आरामदायक नहीं रही जनशताब्दी

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बिलासपुर, 30 जून 2024। 
लगभग 10 साल पूर्व रायगढ़ से गोंदिया के बीच चलने वाली जनशताब्दी में यात्रा करना यात्री के लिए गौरव का विषय होता था। एसी कंपार्टमेंट के अलावा चेयर कर में भी पूछ बैक सीट 3/3 के खंड में हैंड रिस्ट के साथ लगी थी। सीटिंग अरेंजमेंट इस तरह था कि सीट के पीछे एक प्लेट खुल जाती थी जो मोबाइल रखने, ब्रेकफास्ट रखने, चाय का कप रखने आदि के लिए उपयोगी थी। 
2022 में रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली से नए डिब्बे बनकर आए और जनशताब्दी में लगाए गए अब यह रेल कोच मेमू से भी ज्यादा सुविधाजनक है। दोनों तरफ तीन बाई तीन की स्टिंग है। पुश बैक खत्म हो गया है लगता है बस की पुरानी सीट पर बैठे हैं। सीटिंग अरेंजमेंट आमने-सामने का है इसलिए यात्री को पद सीधा करने नहीं बनता, यदि कोई यात्री अपने ही जेब में हाथ डाले तो पहले उसका हाथ सहयात्री के शरीर से टच करता है। रेल मंत्री मान बैठे हैं कि भारत में रेल यात्रा करने वालों की कमर का माप 34 इंच है। तभी इस सेट को बनाया है अब रायगढ़ से गोंदिया तक का सफर लंबी दूरी है और जनशताब्दी में यात्रा करना आरामदायक नहीं है। बल्कि कोरबा से रायपुर के बीच चलने वाले हसदेव की सीटिंग चेयर जनशताब्दी से बेहतर है