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बोर्ड का कोई लिखित आदेश अभी तक नहीं उद्घाटन का श्रेय लेने की हो गई शुरुआत

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समाचार -
बिलासपुर, 6 दिसंबर 2022। देश के प्रधानमंत्री का नागपुर आना तय है। पर अभी तक वंदे भारत ट्रेन नागपुर से बिलासपुर को हरी झंडी दिखाने का कार्यक्रम फाइनल नहीं है। बिलासपुर के कुछ दैनिक अखबार और न्यूज़ साइट, पोर्टल में इन दिनों बिलासपुर से नागपुर वंदे भारत की खबरें जोर-शोर से चल रही हैं। जोन सीपीआरओ इस विषय पर कहते हैं कि अभी तक जोन के पास रेलवे बोर्ड से वंदे भारत बिलासपुर नागपुर के परिचालन को लेकर कोई आदेश नहीं है। लोको पायलट को ट्रेनिंग पर भेजा गया कौन खाना नाश्ता सप्लाई करेगा कहां कितने मिनट का स्टॉपेज होगा की खबरों पर उन्होंने कहा हम कयास नहीं लगाते बिलासपुर मंडल से जारी एक पत्र जो इन दिनों डिजिटल मीडिया पर वायरल हो रहा है वह अगस्त माह का है और शब्दावली से ही स्पष्ट होता है कि रेलवे बोर्ड की मांग पर प्रस्ताव भेजा गया यदि बिलासपुर जोन को बिलासपुर नागपुर वंदे भारत मिलता है तो पूर्व में प्रस्तावित झारसुगुड़ा गोंदिया, बिलासपुर दिल्ली में से बिलासपुर दिल्ली से हाथ धोना पड़ेगा। क्योंकि इसी मार्ग पर सर्वाधिक यातायात दबाव है वंदे भारत ट्रेन प्रीमियम ट्रेन से भी ज्यादा महत्व की है जन रुचि के कारण इसके समाचार तेजी से छप रहे हैं। कोई पीछे रहना नहीं चाहता पर सक्रियता के चक्कर में जोन के रेल अधिकारी परेशान हैं। उनके कार्यालय गोपनीयता बार-बार भंग हो रही है बार-बार क्षेत्र से रेल परिचालन में आधा सैकड़ा से ज्यादा गाड़ियां रद्द हो रही थी और कांग्रेसी जनप्रतिनिधि इस मुद्दे को लेकर आंदोलनरत थे, बात पे बात वे केंद्र में सत्ता का भाजपा और उसके 9 छत्तीसगढ़ के सांसदों को जनता की परेशानी ने खड़े ना होने वाला लेकर चुटकी भी ले रहे थे। कुछ ही दिन पूर्व भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बिलासपुर सांसद अरुण साव इन्हीं सब मामलों को लेकर दिल्ली में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से मिले थे उनके साथ केंद्रीय मंत्री तोमर भी थे। वापस आने के बाद से ही मीडिया में वंदे भारत ट्रेन बिलासपुर नागपुर की खबरें आने लगी। 
मंडल कार्यालय द्वारा बोर्ड को ट्रेन का भेजा गया पत्र सेंसेटिव है और उस समय अगस्त माह था। सितंबर, अक्टूबर, नवंबर में यह खबर नहीं छपी और दिसंबर से खबरों में ट्रेन चलने की तारीख भी तय हो गई है। कुछ जनप्रतिनिधियों ने वंदे भारत ट्रेन चालू होने के मसले पर कहा अच्छी बात है पर इस बात का श्रेय भी ले की आम यात्रियों की रेल सुविधा छीन कर भारतीय ट्रेन को केवल व्हीआईपी और उच्च वर्ग वाला कौन बना रहा है।