No icon

24hnbc

गोद में बैठकर नहीं याद किया जा सकता विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस

24hnbc.com
 बिलासपुर, 3 मई 2024। 
एक मई को हमने मजदूर दिवस मनाया और आज 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस यह दिन 1991 से नेस्को और संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्देश पर मनाया जाता है। पूरे भारत में इन दिनों चुनाव का तापमान प्राकृतिक तापमान के साथ मिलकर आम नागरिकों के बीच भ्रम का माहौल बना रहा है। कौन कितना सच कह रहा है इसे बताने की जो जिम्मेदारी पत्रकारिता की है। यह भी अपने दायित्व से पीछे हटते दिखाई दे रहा है। सटीक विश्लेषण प्रायोजित में तब्दील हो रहे हैं। बिरादरी जान ले यदि नहीं चेते तो भस्मासुर होने का कलंक हम पर ही लगेगा। 
बधाई देना तो सुन लेना रस्म अदायगी है पर यहां तो बधाई भी गायब है हां नेता के आने और नेता के जन्मदिन पर जोरदार दिवाली मनाई जा सकती है। विज्ञापन बाजी की जा सकती है पर प्रेस की स्वतंत्रता के लिए दो शब्द मुखाग्र बिंदु से नहीं निकलते यह पत्रकार ही है जो ठंडी, गर्मी, बरसात तमाम विपरीत परिस्थितियों और कठिनाइयों के बीच सरकार, प्रशासन और समाज को सच्चाई दिखाने का काम करता है। सूचना दो धारी तलवार है इससे नुकसान भी किया जा सकता है और कुछ भला भी किया जा सकता है। सूचना क्रांति के साथ पत्रकारिता के नए आयाम भी इसी तरह ही दो धारी तलवार है। 
मणिपुर का सच इसी कारण निकला, बृजभूषण की शर्मनाक स्थिति भी इसी करण निकली पत्रकारिता का अर्थ केवल नेताओं की विज्ञप्ति छापना ही नहीं है। भारत देश की स्थिति प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में इतनी नीचे चली गई है हम सब इसे जानते हैं चुनाव के इस माहौल में पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर कौन बोल रहा है। भारत में इन दिनों जो हवा चल रही है उसके अनुसार संजय और नारद पत्रकारिता के देवता हैं। जिनके हाथों में सत्ता है वे स्वामी भक्ति और पत्तलकार ही चाहते हैं। टीवी एंकर एक पॉलीटिकल पार्टी के स्टार प्रचारक हो गए। इन सब साथियों के एक होकर काम करने का समय है जो सही मायने में पत्रकारिता करते हैं।