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55 एकड़ की अवैध प्लाटिंग कर रहा कांग्रेसी पार्षद

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर । नगर निगम सत्ता पक्ष के एक पार्षद ने इन दिनों नगपुरा रोड स्थित धमनी क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग का काम दोबारा शुरू कर दिया है। लगभग 6 माह पूर्व बिलासपुर जिला कलेक्टर ने तत्कालीन एसडीएम को इन खतरों की रजिस्ट्री पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया था कुछ दिन सब कुछ बन रहा उसके बाद गुपचुप तरीके से रजिस्ट्रीयां प्रारंभ हो गई थी आप पित्र विसर्जन के बाद दलाल खुलकर बुकिंग का काम कर रहे हैं बताया जाता है कि सिरगिट्टी क्षेत्र का एक कांग्रेस पार्षद अपने रिश्तेदारों के नाम से यह काम करवा रहा है। 
 बिल्हा ब्लॉक का गांव धमनी अपने राजनैतिक कारणों सामाजिक विशेषताओं के कारण महत्वपूर्ण स्थिति रखता है। बिलासपुर से दूरी के अनुसार यह अत्यंत सहज दूरी पर स्थित है इस गांव की एकमात्र कमी भूमिगत जल स्तर है। किंतु इस तथ्य को छुपाकर इस गांव में इन दिनों अवैध प्लाटिंग का काम जोर पर है । आश्चर्यजनक बात यह है कि जनता ने जिस विधायक को पूरे प्रदेश का नेता प्रतिपक्ष चुन रखा है धमनी गांव उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र का है। ऐसा कैसे संभव है कि नेता प्रतिपक्ष के क्षेत्र में एक-दो नहीं 55 एकड़ कि अवैध प्लाटिंग हो और उन्हें पता ना हो इससे तो ऐसा लगता है की सब कुछ उन्हीं के राजनैतिक संरक्षण में चल रहा है। 55 एकड़ की अवैध प्लाटिंग में सिरगिट्टी की पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष का पति भी मुख्य हिस्सेदार है। 55 एकड़ की इस अवैध प्लाटिंग में जाने का रास्ता ही सरकारी जमीन से होकर गया है, इस काम के लिए तालाब के 40 फीट मेड को काटकर एक लंबा रास्ता बनाया गया। निजी भूमि आने पर कुछ जमीन क्रय कर ली गई और बाद में 55 एकड़ की अवैध प्लाटिंग शुरू हुई। 
राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार 55 एकड़ में 77 लोगों की जमीन शामिल है जिस पर लगभग आधा दर्जन भू माफिया ने यह खेल रचा है अवैध प्लाटिंग के इस खेल में सबसे ज्यादा अनजान विद्युत मंडल है अंदर मुरूम डाल डाल कर चौड़ी सड़क बनाई गई है। कुछ स्थानों पर रोड पर कंक्रीट भी कर दिया गया है रोड के दोनों तरफ बिजली के खंबे लगे हैं जिन पर आज भी बिजली के तार फैलाए जा रहे हैं तथा बिजली कनेक्शन देने के लिए डीपी भी लगाई जा रही है ट्रांसफार्मर कहां लगेगा यह कोई नहीं जानता अवैध प्लाटिंग के मौके पर बिजली खंभा लगाने का काम करने वाले मानते हैं कि वे विद्युत मंडल के कर्मचारी नहीं है उन्होंने यह भी बताया कि नियमानुसार विद्युत मंडल को कोई राशि नहीं दी गई है, अवैध प्लाटिंग के काम पर दोनों तरह के पोल लगे हैं लोहे का पोल और सीमेंट के पोल की संख्या यहां पर 1000 से अधिक है । प्रथम दृष्टि में लगता है कि इतना बड़ा कारोबार टीएनसी अप्रूव होगा किंतु पूरे अवैध प्लॉट पर कहीं पर भी अब एक भी बोर्ड नहीं है।