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पाकिस्तान के हार के पांच कारण

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समाचार - बिलासपुर
टी-20 वर्ल्डकप 2021 में ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम बन चुकी है। अब खिताबी मुकाबले में उसे न्यूजीलैंड का सामना करना होगा। दूसरे सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हराया और फाइनल में जगह बनाई।
इस साल एक बार फिर कोई नई टीम टी-20 विश्वकप जीतेगी। इस टूर्नामेंट का इतिहास भी कुछ ऐसा ही रहा है। वेस्टइंडीज एकमात्र टीम है, जिसने टी-20 विश्वकप दो बार जीता है। 2016 को छोड़कर हर बार टी-20 विश्वकप में नई टीम ही विजेता बनी है। यहां हम बता रहे हैं कि दूसरे सेमीफाइनल मैच में पाकिस्तान को किन वजहों से हार का सामना करना पड़ा।
टॉस की अहमियत बहुत ज्यादा
दुबई के मैदान में टॉस की अहमियत बहुत ज्यादा रहती है। खासकर शाम के मैच में टॉस हारने वाली पहले ही मैच में पिछड़ जाती है। पाकिस्तान के साथ भी ऐसा ही हुआ। बाबर के टॉस हारते ही खिलाड़ियों का मनोबल कम हुआ। इसके साथ ही अच्छा स्कोर बनाने पर भी बाद में गेंदबाजी करते समय गेंदबाजों को परेशानी हुई और शुरुआत में अच्छी गेंदबाजी करने वाले शाहीन अफरीदी बाद में बहुत महंगे साबित हुए। उनके साथ ही हसन अली और हरीश रऊफ ने भी खूब रन लुटाए और ऑस्ट्रेलिया ने 19 ओवरों में ही 177 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया।
अंतिम ओवरों में खराब गेंदबाजी
पाकिस्तान के गेंदबाजों ने आखिरी की ओवरों में खराब गेंदबाजी की और सिर्फ तीन ओवरों में 50 रन लुटा दिए। ऐसा नहीं था कि इस दौरान किसी अतिरिक्त गेंदबाज या स्पिनर ने गेंदबाजी। इन तीन ओवरों में हसन अली, हरीश रऊफ और शाहीन अफरीदी जैसे प्रमुख गेंदबाजों ने मिलकर 18 गेंदों में 50 रन लुटा दिए। शाहीन ने अपने आखिरी ओवर में 22 रन दिए और मैच को 20वें ओवर तक नहीं जाने दिया। पाकिस्तान ने इस टूर्नामेंट में किसी भी बड़ी टीम के खिलाफ लक्ष्य का बचाव नहीं किया था और सेमीफाइनल में यही उसकी कमजोर कड़ी निकली।
खराब फील्डिंग के चलते गंवाया मैच
इस मैच में पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने कई अच्छे कैच भी पकड़े, लेकिन अहम मौकों पर विकेट नहीं ले पाए। पाकिस्तान के पास रन आउट के कई मौके थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया का कोई भी खिलाड़ी रन आउट नहीं हुआ। पाकिस्तान ने रन आउट के कुल तीन मौके गंवाए। इनमें से दो बार वो मैथ्यू वेड को आउट कर सकते थे और एख बार डेविड वार्नर का विकेट ले सकते थे। इन्हीं दोनों खिलाड़ियों ने पाकिस्तान के जबड़े से जीत छीन ली। शाहीन के आखिरी ओवर में तीन छक्के लगाने से पहले भी वेड ने एक कैच थमाया था, लेकिन पाकिस्तान ने यह भी पकड़ा। तीन जीवनदान मिलने के बाद वेड ने लगातार तीन छक्के लगाकर मैच खत्म कर दिया।
दूसरे स्पिनर की कमी खली
इस मैच में पाकिस्तान के शादाब खान ने चार विकेट निकाले, लेकिन उनके अलावा कोई दूसरा गेंदबाज कोई कमाल नहीं कर पाया। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज तेज गेंदबाजों के खिलाफ आसानी से रन बनाते हैं और स्पिन खेलने में उन्हें परेशानी होती है। इस मैच में भी यह साफ नजर आया, लेकिन पाकिस्तान के पास कोई दूसरा अच्छा स्पिन गेंदबाज नहीं था। इमाद वासिम और हफीज ने भी इस मैच में गेंदबाजी की पर इमाद ने गेंद टर्न कराने की कोशिश ही नहीं की और हफीज के लिए एक टप्पे में गेंद फेकना मुश्किल लग रहा था। इसी वजह से 96 रन पार ऑस्ट्रेलिया के पांच विकेट लेने के बावजूद पाकिस्तान के गेंदबाज उन्हें सस्ते में नहीं समेट सके और फॉर्म से बाहर चल रहे वेड ने पाकिस्तान को वर्ल्डकप से बाहर कर दिया।
हसन अली पर भरोसा पड़ा महंगा
सेमीफाइनल मैच में पाकिस्तान ने भी वही गलती दोहराई जो भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ की थी। पाकिस्तान के लिए हसन अली ने इस वर्ल्डकप में किसी भी मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। वो अपनी लय में भी नहीं दिख रहे थे। भारत के खिलाफ उन्होंने काफी रन खर्चे थे और बाकी मैचों में भी ऐसा ही हुआ था। इसके बावजूद उन्हें हर मैच में मौका दिया गया और बड़ा नाम होने के कारण बाबर ने उन्हें टीम से बाहर करने का साहस नहीं उठाया। इस मैच में भी हसन अली ने खूब रन लुटाए और अपनी टीम की लुटिया डुबो दी। भारत ने भी सिर्फ नाम के आधार पर भुवनेश्वर को खिलाया था और उसका खामियाजा भी भुगता था।