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गर्ग की दहशत पर पुलिस का प्रहार, चाकू सहित पकड़ा गया

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बिलासपुर, 1 नवंबर 2024। 
एक समय बिलासपुर ही नहीं आसपास के जिलों में भी रंजन गर्ग की दहशत हुआ करती थी। 31 अक्टूबर 2024 के दिन जब तोरबा थाने ने उसे पकड़ा और चाकू बरामद किया तो अपराधी का पूरा दबदबा मानो समाप्त हो गया। गर्ग को जानने वाले भरोसा ही नहीं कर रहे की हमेशा कट्टा या अग्निये शस्त्र रखने वाला हिस्ट्रीशीटर के इतने बुरे दिन आएंगे कि वह चाकू के साथ पकड़ा जाएगा। 
30 अक्टूबर की रात जिस रवि शर्मा को देवरी खुर्द चौराहे पर रंजन गर्ग ने कट्टा दिखाया और रवि शर्मा ने हमसे टेलिफोनिक बातचीत में भी कट्टे का ही जिक्र किया उनकी भी कुछ मजबूरियां रही होगी। वे जिस विभाग की नौकरी करते हैं और जिस जिले में पदस्थ हैं वहां से बिलासपुर कैसे आ गए, अवकाश लेकर या ड्यूटी से अनुपस्थित होकर। यदि अपनी शिकायत पर कायम रहते तो नियुक्ति स्थल से बिलासपुर आने का सक्षम कारण बताना होता। जो पेंचदार होता अब सब कुछ आसान था। कार्यवाही दिखानी थी सो दिखाई गई और देखने में प्रभावी भी दिख रही है पर यह समझ नहीं आया कि शासकीय भूमि पर कब्जा करके बनाया गया कथित फार्म हाउस अब तक प्रशासन की नजर से क्यों बचा हुआ है। 
जानकर यह भी कहते हैं कि जिले की राजनीति में दखल रखने वाला एक प्रभावशाली गुट हर हाल में यह चाहता है कि स्थानीय चुनाव, त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में बड़ा दबदबा रखने वाले हिस्ट्रीशीटर बाहर ही रहे। तभी तो उनका उपयोग किया जा सकेगा। गर्ग का आपराधिक इतिहास, उनका और पुलिस के बीच एनकाउंटर तक जाता है। दोनों पक्षों के बीच गोलियां चली थी। शांति वाला त्यौहार जब सब तरफ डिब्बे और उपहार का आदान-प्रदान हो रहा था तब किसी को उम्मीद नहीं थी कि सिपाही पर तना कट्टा उपहार के भार से बाहर आ जाएगी पर ऐसा हुआ। दीपावली का त्यौहार अग्नि दुर्घटना के लिए भले ही पहचान रखता हो पर इस बार मोहल्ले में मारपीट ज्यादा हुई यही कारण है कि 1 नवंबर को तोरबा थाने में जितनी भीड़ है और 151 के मामले हैं अब लगता है कि त्योहार पर असहिष्णुता घृणा हिंसा हमारा स्वभाव बनता जा रहा है तभी तो त्योहार के दूसरे दिन थाने के बाहर इतनी भीड़ लगती है।