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केएसके बंद प्लांट की बिक्री अंतिम दौर में
Monday, 11 Jan 2021 18:00 pm
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24HNBC- अकलतरा। । केएसके पावर प्लांट प्रबंधन द्वारा मजदूर संघ के एक दिवसीय आंदोलन के बाद आर्थिक नुकसान का हवाला देते हुए लाकआउट कर दिया गया। जिसके चलते प्लांट में कार्यरत मजदूरों के रोजी रोटी की संकट उत्पन्न होने लगी है, बावजूद इसके प्रशासन द्वारा भी प्लांट प्रारंभ करने के लिए कोई पहल नहीं किया जा रहा है। इससे श्रमिक संगठनों में आक्रोश बढ़ने लगा है।केएसके एमपीसीएल नरियरा प्रबंधन के द्वारा 9 जनवरी को यूनाईटेड मजदूर संघ द्वारा वार्षिक इंक्रीमेंट की मांग को लेकर एक दिवसीय सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक सांकेतिक हड़ताल किए जाने के बाद 10 जनवरी को हड़ताल से आर्थिक नुकसान की बात कहकर प्लांट के मुख्य द्वार पर लॉकआउट किए जाने की सूचना चस्पा कर दिया गया। चूंकि लॉकआउट रविवार के दिन हुआ था इसलिए प्लांट मे कार्यरत मजदूरों को यह उम्मीद थी कि सोमवार को प्लांट प्रबंधन एवं प्रशासन द्वारा कोई पहल कर लॉकआउट को बंद कर फिर से प्लांट चालू किए जाने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन लॉकआउट के दूसरे दिन न तो प्लांट प्रबंधन ने और न ही प्रशासन के द्वारा मजदूरों की कोई खबर ली गई। मजदूरों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि प्लांट प्रबंधन द्वारा साजिश पूर्वक तालाबंदी की गई  है एवं तय कार्यक्रम के अंतर्गत शटडाउन कार्य बाहरी ठेकेदारों से कराया जा रहा है। साथ ही केएसके के इंजीनियर एवं स्टॉफ से भी ड्यूटी कराई जा रही है। प्रबंधन द्वारा प्रशासन से केवल खाना पूर्ति के लिए मदद की मांग की गई है। वास्तव मे प्लांट को चालू करने में प्रबंधन की कोई रूचि नहीं है क्योंकि प्लांट को राष्ट्रीय कंपनी अधिनियम प्राधिकरण (एनसीएलटी) के अंतर्गत है एवं प्लांट के बंद होने से जो भी नुकसान होगा वह बैंको एवं सरकार का होगा। प्लांट में केवल एक यूनियन के कुछ लोगों ने ही सांकेतिक हड़ताल किया था जबकि अधिकांश मजदूरों के द्वारा आंदोलन नहीं किया गया था। 8 जनवरी को श्रम पदाधिकारी के समक्ष विभाग के साथ बैठक के दौरान एनसीएलटी रिजोल्यूशन प्रोफेसनल सुमित दिनानी के द्वारा बताया गया था कि प्लांट की बिक्री प्रक्रिया अंतिम चरण मे है। मजदूरों की मांगो को शीघ्र ही स्टेक होल्डरों के समक्ष रखा जाएगा। इससे पूर्व भी सितम्बर 2019 मे प्लांट मे ताला बंदी की गई थी