24hnbc संभावित नालंदा परिसर बन भी गया तो आजीवन रहेगा विवादित
Monday, 16 Jun 2025 00:00 am
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बिलासपुर, 16 जून 2025।
पहले तो यह कहने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए कि अस्पताल की जमीन छीनकर नालंदा की बात करना ही नैतिक दृष्टि से गलत है। पुस्तकें जलाना यदि गलत थी तो अस्पताल छीनना भी कम बड़ी गलती नहीं है, और इस समय हम बात कर रहे हैं शहर के बड़े दो दैनिक अख़बार की और नालंदा परिसर के संदर्भ में। दोनों अधूरी जानकारी क्यों देते हैं ऐसे में लगता है कि जानकारी अधूरी नहीं प्रायोजित है।
21 मई 2025 के दिन एक अखबार ने बताया कि 100 साल पुराना जर्जर अस्पताल परिसर पर नगर निगम का बुल्डोजर चल ही गया। शुरुआत ही भ्रामक है भवन जर्जर नहीं था। जब निगम की भारी भरकम मशीनरी इसे तोड़ रही थी तभी यह बात स्पष्ट हो चुकीं थी कि भवन जर्जर नहीं है। इस पूरे समाचार में इस बात का कहीं उल्लेख नहीं है कि इस पूरे भूखंड का मामला अभी उच्च न्यायालय में लंबित है और अंतिम निर्णय नहीं आया। समाचार में एक जगह उल्लेखित है कि लाल बिल्डिंग में म्यूजियम रहेगा। यह अंतर विरोध है, भवन मजबूत है तब तो म्यूजियम बनेगा। एक तरफ परिसर के भावनों को जर्जर कहकर तोड़ना और दूसरी तरफ उन्ही में से किसी भवन में म्यूजियम बना लेना।
जून माह में एक अन्य अखबार लिखता है कि मिशन अस्पताल का मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। इसलिए सारी विकास योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गई। वह यह भी कहता है कि जमीन 1885 में क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन को सेवा कार्य के लिए आवंटित की गई थी। यह तथ्य प्रमाणित नहीं है। इसी समाचार में नगर निगम बिलासपुर के उपायुक्त का वक्तव्य है । मिशन अस्पताल का मामला हाई कोर्ट में है निर्णय के आधार से आगे का फैसला लिया जाएगा।
यह समाचार 13 जून 2025 को प्रकाशित हुआ है। दोनों अखबार पूरी जानकारी नहीं दे रहैं है। सरकारी कर्मचारी उपायुक्त ने भी अधूरी जानकारी दी, 6 महीने पूर्व जब निगम ने जेसीब घुसाईं तब डिसाईपल के बेनिफिशियरी ने सत्र न्यायालय में एक प्रकरण प्रस्तुत किया। प्रकरण एक्टिव होने के पूर्व बिलासपुर जिला कलेक्टर को धारा 80 के तहत आवेदकों ने नियम अनुसार नोटिस दिया। पावती मिलने के बाद वाद दाखिल किया। वाद में तत्कालीन कलेक्टर बिलासपुर को नाम से पार्टी बनाया गया। नजूल अधिकारी और नगर निगम आयुक्त बिलासपुर वाद में पक्षकार हैं। सभी पक्षकार न्यायालय में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। ऐसे में उपायुक्त नगर निगम अधूरी जानकारी दे रहा है।
सत्र न्यायालय में अस्थाई निषेधाज्ञा पर आवेदन पर सभी पक्षों ने जवाब दाखिल किए हैं। कलेक्टर बिलासपुर की ओर से एक 7/11 का आवेदन दाखिल किया गया। जिस पर निर्णय लंबित है। हाई कोर्ट में जिस बिंदु लीज का निरस्तीकरण पर याचिका लगी उससे बहुत वृहद वाद सत्र न्यायालय में लगा है। सरकार की नालंदा परिसर योजना उच्च न्यालय मात्रा नहीं सत्र न्यायालय में भी उलझ चुकी है। निगम चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी घोषणा पत्र के समय जब उप-मुख्यमंत्री की पत्रकार वार्ता हुई तब 24hnbc ने न्यायालिन प्रकरण यह लंबित होने के दौरान उसी भूमि पर योजना की घोषणा पर प्रश्न किया था और जवाब नहीं मिला।