24 HNBC News
24hnbc नगर पालिका के पालने पर कौन करेगा राज, किसका पलड़ा होगा भारी
Friday, 07 Feb 2025 18:00 pm
24 HNBC News

24 HNBC News

24hnbc.com
बलौदाबाजार, 8 फरवरी 2025। (समाचार संकलन राघवेंद्र सिंह)
बलौदाबाजार नगर पालिका चुनाव को लेकर माहौल गर्म है, जहां 21 वार्डों के लिए 57 पार्षद उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरकर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके साथ ही नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए 4 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है राजनीतिक जानकारों की माने तो मुख्य रूप से भा.ज.पा. और कांग्रेस के बीच ही जोरदार मुकाबला होगा दोनों दलों के प्रत्याशी पूरी ताकत से प्रचार कर रहे हैं और मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस चुनाव में मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस को एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि अन्य दल के उम्मीदवार भी चुनावी रण में शामिल हैं।
अशोक जैन (भा.ज.पा.) - अनुभवी राजनीतिज्ञ या नए सिरे से शुरुआत?
भा.ज.पा. के उम्मीदवार अशोक जैन, जो इस बार नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए मैदान में हैं, निश्चित रूप से एक अनुभवी राजनीतिज्ञ माने जाते हैं। उनका राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा है और वह पहले कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी में भी सक्रिय रहे हैं। अशोक जैन का नाम राजनीति में कई बार सुर्खियों में आ चुका है। उनका कहना है कि वे शहर के विकास के लिए समर्पित हैं, और अगर उन्हें मौका मिलता है तो वह नगर पालिका को नए स्तर पर ले जाएंगे।
हालांकि, अशोक जैन की राजनीति में सफलता मिश्रित रही है। एक बार वह बहुजन समाज पार्टी से विधानसभा चुनाव में हार चुके थे और फिर उन्होंने भाजपा का दामन थामा। पिछले चुनाव में वह भाजपा से वार्ड क्रमांक 12 से पार्षद पद का चुनाव भी हार चुके थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें फिर से नगर पालिका अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बना दिया। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि उन्हें यह टिकट मंत्री के करीबी होने के कारण मिला है। उनके राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, और उनकी संपत्ति व कारोबार को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। 
सुरेंद्र जायसवाल (कांग्रेस) - पांच बार के पार्षद, लेकिन विवादों से जुड़ा हुआ नाम
कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेंद्र जायसवाल भी इस चुनाव में प्रमुख उम्मीदवार माने जा रहे हैं। वह एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं और पांच बार नगर पालिका के पार्षद रह चुके हैं। उनके पास राजनीति का गहरा अनुभव है, लेकिन उनके खिलाफ कुछ अपराधिक मामले भी सामने आए हैं। हालांकि, आरोपों के सिद्ध होने से पहले किसी पर कुछ कहने की स्थिति नहीं है, लेकिन उनके नाम से जुड़े विवादों ने उनके उम्मीदवार बनने पर सवाल खड़े किए हैं।
सुरेंद्र जायसवाल के राजनीतिक सफर में भी कई दलों के साथ जुड़ने की बातें सामने आई हैं, जिससे उनके राजनीतिक रुख को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि, उन्होंने कांग्रेस पार्टी से अपना सच्चा संबंध बनाए रखा है और इस बार नगर पालिका अध्यक्ष पद पर अपनी दावेदारी पेश की है। उनके पास बड़ी चल और अचल संपत्ति है, जिसकी जानकारी निर्वाचन कार्यालय में उपलब्ध है, और वह नगर पालिका के विकास को लेकर अपने विजन को लेकर आश्वस्त हैं।
नगर पालिका चुनाव का भविष्य - किसका पलड़ा होगा भारी?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अशोक जैन और सुरेंद्र जायसवाल के बीच कौन जीतता है, क्योंकि दोनों ही उम्मीदवार अपने-अपने तरीके से चुनावी मैदान में मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के समर्थक पूरी तरह से अपने-अपने उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं, और चुनावी माहौल काफी उत्साही और प्रतिस्पर्धी हो गया है।
नगर पालिका के चुनाव में विकास के मुद्दे को लेकर दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी चल रहे हैं। कुछ लोग मानते हैं कि अशोक जैन को पार्टी टिकट देने के पीछे उनके मंत्री के करीबी रिश्तों का भी असर हो सकता है, वहीं सुरेंद्र जायसवाल का पांच बार का पार्षद कार्यकाल उनके लिए एक मजबूत बिंदु बनता है।
अब यह तय करना बाकी है कि आगामी नगर पालिका चुनाव में किसका पलड़ा भारी होगा और किस उम्मीदवार के नेतृत्व में बलौदाबाजार का विकास होगा। यह चुनाव शहरवासियों के लिए भविष्य की दिशा तय करेगा, और चुनावी नतीजे के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कौन बलौदाबाजार नगर पालिका की बागडोर संभालेगा।