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जेल दाखिला के समय शरीर पर मार का निशान देखकर जेलर की आंख भी हुई नम वन विभाग की थर्ड डिग्री का मामला पहुंचा जिला कप्तान के पास
Friday, 07 Feb 2025 00:00 am
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बलौदाबाजार,7 फरवरी 2025। (समाचार संकलन राघवेंद्र सिंह)
जिले के पुलिस अधीक्षक के पास आज कसडोल विकासखंड के ग्राम भवरीद के कुछ पीड़ित लोग पहुंचे जहां पर उसने अपनी बीते हुए..... की आपबीती जिले के कप्तान को आवेदन के माध्यम से बताई।भवरीद के निवासियों का कहना है कि वन विभाग के अश्वनी साहू,हरगोविंद जायसवाल, संतोष और अन्य 8-10 लोग जो दिसंबर महीने में जबरदस्ती विद्युत करंट का जाल बिछाए हो जानवर के लिए की शंका के आधार पर उठाकर कुकररीकोना रेस्ट हाउस में ले गए और दो रात तक लगातार लात घुसा बेल्ट डंडा से लगातार पीठ पेट आंख दांत गला ऐसे कई जगह पर लगातार वार किए और पूरा शरीर ही सुजा डालें इतना मार,वह भी सिर्फ शंका के आधार पर की तुम लोग विद्युत करंट का जाल बिछाए हो उपरोक्त बातों को कबूलो इस बात का जिक्र करते हुए सोमवार की रात मंगलवार की रात तक लगातार दो दिन तक अपराध कबूलो करके तालिबानी सजा दिए और उसके बाद 25 दिसंबर को झूठा आरोप में फंसा कर जेल भी भेज दिए। 
 
मुलाएजा के समय में भी धमकी चमकी 
 
पीड़ितों ने बताया कि जब हम दर्द से कर रहे थे तब जेल भेजने की तैयारी के पहले जब कसडोल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मुलायजा के लिए ले जाया गया तब वहां पर हमें बोलने का मौका नहीं दिया और चुप रहो कुछ मत बोलो नहीं तो और इतना मार मारेंगे कि बोलने लायक नहीं रहोगे ऐसा कह कर जबरदस्ती मुलाएजा रिपोर्ट तैयार करके हमें बलौदा बाजार जिला सत्रन्यालय ले जाया गया उसके बाद जेल दाखिल किया गया। 
 
मारपीट को देखकर जेलर की आंखें हुई नम्
 
जब जेल दाखिल करने वन विभाग की टीम पहुंची तब वहां पर कपड़े उतरवा कर जब पीड़ितों को देखा गया तब शरीर पर निशान मारपीट के तथा दर्द से कराह रहे उनके चेहरे देखे गए कहीं पर आंख में लगा हुआ कहीं पर पीठ में लगा हुआ और एडी़ और पैर के तलवे पर तो न जाने कितना डंडे का वार हुआ है इन सभी को देखकर जेलर की आंखें नम् हुई और उन्होंने तत्काल वन विभाग की टीम को इनका ईलाज करो तभी हम इसे रखेंगे की बातें किए तब आनन् फानन में जेलर के कहने पर वन विभाग की टीम के द्वारा अस्पताल ले गए इस बार कसडोल का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं बल्कि बलौदाबाजार के जिला अस्पताल में जांच की प्रक्रिया हुई उस समय भी वन विभाग की टीम के द्वारा धमकी दी गई कि कुछ मत बोलना और स्वयं वन विभाग के टीम के द्वारा पर्ची कटवाया गया और सिर्फ दर्द हो रहा है की दवाई दे दो कहकर डॉक्टर से पर्ची में दवाई लिखवा कर दवाई भी ले लिए जिनका प्रमाण आज भी अस्पताल में मौजूद है। 
 
कसडोल थाना भी पीड़ितो की बातों को नहीं सुना 
 
25 दिसंबर को जेल दाखिल होने वाले 4 पीड़ित लोग तथा 2 पीड़ित भी 26 दिसंबर को जेल दाखिल हुए इस तरह से टोटल 6 लोग विद्युत करंट की तार बिछाने वाले आरोपी अंदर हुए जब न्यायालय ने दिन सोमवार को 6 पीड़ितों को जमानत का निर्देश दिए तब वहां घर जाकर तथा गांव के लोगों को भी पूरी घटनाक्रम की जानकारी दिए और घर में तत्काल दवाई पानी और इलाज की व्यवस्था का इंतजाम भी करने लगे दिन मंगलवार को पीड़ितों ने इलाज पानी करवा कर घर पर आराम किया मगर उनकी दर्द की गूंज घर में बार-बार कह रही की थी कि उनके साथ गलत हुआ है और इतनी मारपीट करना वन विभाग के द्वारा जो स्थिति को शर्मसार करती है यह बातें घर के तथा परिजनों और गांव के लोगों ने कहा तब पीड़ितों ने तत्काल आवेदन बनवाकर कसडोल थाना पहुंचे दिन 31/12/2025 को जब थानेदार को यह आवेदन मिला तब थानेदार ने साफ तौर पर इंकार कर दिया कि वह इनकी आवेदन पर कुछ नहीं कर सकते और उन्होंने कहा कि वन विभाग के द्वारा तुम पर केस दर्ज किया गया है और तुम्हारे साथ मारपीट किए हैं तो तुम वन विभाग के अधिकारी के पास जो मैं कुछ नहीं कर सकता और पीड़ित मायूस होकर घर लौट आए क्योंकि पीड़ितों का कहना था कि जिसने मारपीट किया और उन्हीं के पास वह कैसे जाए। 
 
क्या न्यायालय के परिसर से भी उठाया जा सकता है 
 
 एक पीड़ित ने बताया कि जब उसे गांव के ही लोगों को उठाने की बात का पता चला तब वह अपने वकील से सलाह लेने हेतु तथा जज के सामने अपनी बात रखने हेतु जब कसडोल के न्यायालय में पहुंचा था तब वह न्यायालय के परिसर में था और वह गेट के पास ही अपने वकील के साथ खड़ा था दस्तावेज तैयार करके वहां पर वन विभाग की टीम पहुंची और उसे न्यायालय के परिसर क्षेत्र से उठाकर ले जाया गया और उनके साथ कसडोल रेंज ऑफिस पौड़ी रेंज ऑफिस के बाद कुकरीकोना रेस्ट हाउस में भी मारपीट तालिबान सजा मिला उसके बाद दूसरे दिन जेल दाखिल किया गया।
 
न्याय पाने हेतु पहुंचे पुलिस अधीक्षक के पास 
 
ग्राम भवरीद के पीड़ित आज न्याय पाने हेतु जिला के कप्तान के पास पहुंचे जहां उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि हमें जबरदस्ती वन विभाग ने झूठा आरोप में फसाया हमें डराया धमकाया चमकता और हमें उल्टा लटका कर बेल्ट डंडा लात और गुस्से से बेरहमी से मारपीट किया अस्पताल में भी मुंह खोलने पर तथा न्यायाधीश के पास मुंह खोलने पर फिर से तुम्हें झूठे केस में फंसा कर जेल भेजने की भी धमकी दिए और जब हम थानेदार के पास पहुंचे तब भी हमारी सुनवाई नहीं हुई जिस कारण से आज ग्राम भवरीद के पीड़ित पुलिस अधीक्षक के पास अपनी गुहार लगाने आए है। और अब देखने वाली बात यहां होगी कि जिले के कप्तान इस पर किस तरह से कार्यवाही करते हैं और क्या विधिवत कार्य प्रणाली बनती है खबर अभी बाकी है वह अगले अंक में वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग और संबंधित सभी का बयान लेकर के खबर पुनः प्रकाशित करेगी