24hnbc विधि शून्य पावर से किए गए आर्थिक समव्यवहार कौन लेगा जिम्मेदारी....?
Wednesday, 05 Feb 2025 18:00 pm
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बिलासपुर, 6 फरवरी 2025।
सीएनआई भवन नई दिल्ली के मॉडरेटर द्वारा छत्तीसगढ़ डायोसिस चर्च ऑफ़ नॉर्थ इंडिया के अजय धर्मराज और जयदीप रॉबिंसन जिन्हें क्रमशः सेक्रेटरी और ट्रेजरार बताया गया है। को एक स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी 2012 में जारी हुई इसमें से पावर ऑफ अटॉर्नी ग्रहता क्रमांक 1 अजय धर्मराज की मृत्यु 25 नवंबर 2017 को हो गई। इस तरह इसी तारीख से यह स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी विधि शून्य हो जाती है। पर इस विधि शून्य पावर ऑफ अटॉर्नी के ग्रहता नंबर दो जयदीप रॉबिंसन ट्रेजरार छत्तीसगढ़ डायोसिस ने 2 अप्रैल 2018 को तारबहार पटवारी हल्का नंबर 22 में खसरा क्रमांक 822 में से 1050 वर्ग फुट जमीन लीज पर दे दी। जबकि स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी के कंडिका क्रमांक 9 में स्पष्ट लिखा है कि पावर ऑफ अटॉर्नी से जमीन ना तो बेची जा सकेगी, न ही प्लीज, न ही किराए पर दी जा सकेगी।
इस तरह जयदीप रॉबिंसन ने पावर ऑफ अटॉर्नी के द्वारा धोखाधड़ी की नंबर वन स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी का एक पार्टनर की मृत्यु हो चुकी थी। दूसरा पावर ऑफ अटॉर्नी बेचने, लीज पर देने, किराए पर चढ़ने की अनुमति ही नहीं देती।
इस तरह इस पावर ऑफ अटॉर्नी का दूसरा दुरुपयोग 2018 में ही दोबारा किया गया जब पटवारी हल्का नंबर 22/34 खसरा क्रमांक 822/1, 822/2 के सीमांकन का प्रकरण दाखिल किया गया। इस संदर्भ में अतुल आर्थर ने 17 अक्टूबर 2018 को एक आम सूचना प्रकाशित की है। जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि अजय धर्मराज और जयदीप रॉबिंसन को प्राप्त स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी निरस्त कर दी गई।
प्रश्न उठता है की स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी के दुरुपयोग करने वाले व्यक्ति के बारे में जब मॉडरेटर नायक, बिशप सुषमा को सब कुछ पता है तो वे ऐसे व्यक्ति को वर्तमान में उत्तरदायित्व कैसे देते हैं। क्योंकि अभी भी समाज की विभिन्न प्रतिष्ठा पूर्ण पदों पर जयदीप रॉबिंसन काबिज है।