24hnbc छत्तीसगढ़ डायोसिस शिक्षण संस्था या आर्थिक घपले का अड्डा
Tuesday, 28 Jan 2025 18:00 pm
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बिलासपुर, 29 जनवरी 2025।
छत्तीसगढ़ डायोसिस छत्तीसगढ़ राज्य में इन दोनों आरोपों से घिरती जा रही है। राजधानी रायपुर के ही सिविल लाइन थाने में ही एक एफआईआर और दो शिकायत दर्ज है। तीनों अपराध दर्ज होने की अनुशंसा है। बिलासपुर सिविल लाइन थाने से कोर्ट ने डायोसिस के एक पदाधिकारी के मामले में प्रतिवेदन मांगा। यह मामला भी आर्थिक अपराध से जुड़ा है।
कलेक्टर बिलासपुर के निर्देश पर बर्जेश स्कूल की जो जांच हुई उसमें शिकायत करता के तीनों बिंदुओं पर संस्था के पदाधिकारियों को आर्थिक घोटाले प्रथम दृष्टिया सिद्ध पाए गए। पर अभी तक जांच प्रतिवेदन पर कलेक्टर बिलासपुर में कोई कार्रवाई नहीं की, इसी तरह हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ में पीआईएल के निर्देश पर हुई जांच के आधार पर सिविल लाइन थाना रायपुर के जांच अधिकारी का प्रतिवेदन बताता है कि 70 पदाधिकारी के खिलाफ 2 करोड़ 6 लाख का मामला बनता है। कर के खिलाफ एफआईआर हुई शेष के खिलाफ होनी है। एक अन्य शिकायत पर नितिन लॉरेंस, जयदीप रॉबिंसन और अन्य को फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी, लेटर हेड का दुरुपयोग, लोकसेवक को धोखा देना, बेजा फिस वसूली के मामले में सीएसपी रायपुर ने संज्ञेय अपराध पाया, एफआईआर होना लंबित है।
इसी तरह महासमुंद जिले के पिथौरा थाने क्षेत्र में भी तीन शिकायतें जांच के लिए एसडीओ और एसडीएम के पास लंबित है। जिसमें फर्जी लेटर हेड, जान से मारने की धमकी और भया दोहन कर पैसे हड़पने की शिकायत है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्य समिति सदस्य लोकेश कावड़िया ने तो आधा दर्जन से अधिक बार पत्रों में कहा है कि फीस वसूली की राशि से धर्मांतरण का काम कराया जा रहा है। संस्था के फर्जी लेटर हेड बनाए जाते हैं। अनाधिकृत रूप से स्कूल का नाम बदल दिया जाता है इस सब के बावजूद छत्तीसगढ़ डायोसिस और उससे संबंधित संस्थाओं की शाख पर भट्टा लग रहा है। दूसरी और यह नहीं समझ आता की भाजपा और उनके नेता धर्मांतरण के जिस मुद्दे को लेकर वोट पाए हैं जब उसे पर कार्यवाही करने की बात आती है तो विलंब क्यों होती है। विलंब होने से लगता है कि करोड़ों के घोटाले से कुछ ना कुछ प्रसाद आरोप लगाने वाले के जेब में भी जाते हैं।