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दोनों पार्टियों ने नहीं दी जनता के अनुरूप टिकट बलौदाबाजार की राजनीति में हलचल, दोनों पार्टी के उम्मीदवारों से जनता चिंतित
Tuesday, 28 Jan 2025 18:00 pm
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बलौदाबाजार, 29 जनवरी 2025। समाचार संकलन जिला प्रतिनिधि
 नगर पालिका चुनाव हेतु अध्यक्ष और पार्षदों के पद की दावेदार हेतु लंबी लिस्ट ऊपर गई हुई थी और अब जैसे तैसे प्रत्याशियों की सूची भी कांग्रेस और भाजपा ने प्रत्याशियों के नाम भी जारी कर दिए जिसमें अध्यक्ष पद हेतु भाजपा द्वारा दो बार के नगर पालिका अध्यक्ष का दायित्व संभाल चुके अशोक जैन तो वहीं कांग्रेस द्वारा पांच बार के पार्षद सुरेंद्र जायसवाल को अध्यक्ष पद की प्रत्याशी घोषित किया मगर बात यह है कि सूची जारी होने के साथ ही दोनों राजनीतिक दलों में टिकट से वंचित कार्यकर्ताओं द्वारा असंतोष व्यक्त कर लगातार मौखिक रूप से गली, चौराहे में सोशल मीडिया में और राजनीतिक पार्टी के लोगों से काफी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। बलौदाबाजार नगर पालिका में कुल 21 वार्ड है जिसमें पार्टीयों द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा तो कर दी गई और सूची में कुछ वार्डों में आरक्षण की स्थिति परिवर्तन होने के चलते कुछ पुराने चेहरे को अन्य वार्डो से मौका दिया गया है जबकि कुछ वार्डों में नए चेहरे को भी अवसर प्रदान किया गया है और कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों दल की सूची अब तैयार हो गई है नामांकन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और आज भाजपा प्रत्याशी अशोक जैन तथा सुरेंद्र जायसवाल कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रत्याशी पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी की।कांग्रेस और भाजपा ने जो अध्यक्ष पद के लिए लिस्ट तैयार किए थे उसमें अशोक जैन, संकेत शुक्ला, संजू पटेल, नंदकुमार साहू का नाम शामिल थे वहीं कांग्रेस पार्टी के तरफ से अध्यक्ष के रूप में प्रत्याशियों की सूची में सुरेंद्र जायसवाल,धर्मेंद्र वर्मा, अर्चना रूपेश ठाकुर भी दावेदार थे। मगर दोनों दलों ने आखिरकार भाजपा से अशोक जैन कांग्रेस से सुरेंद्र जायसवाल को ही प्रत्याशी घोषित किया।
सोशल मीडिया में कार्यकर्ताओं का नाराजगी जाहिर ...
जैसे ही अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों की सूची दोनों दलों ने की साथ ही साथ दोनों दलों में भारी असंतोष की भाव भी उछल-उछलकर दिखने लगा और काफी सारे कार्यकर्ता सोशल मीडिया के माध्यम से गली चौराहे और रोड पर भी कई तरह की बातें करने लगे और कांग्रेस शहर अध्यक्ष रूपेश ठाकुर की पत्नी अर्चना ठाकुर ने तो कांग्रेसी वीर योद्धा पूर्व विधायक प्रत्याशी रहे शैलेश नितिन त्रिवेदी को सोशल मीडिया पर ही पैसे नहीं होने की वजह से कैसे आप चुनाव में भागीदारी ले सकते हैं वह भी घर बुलाने के बाद यहां तक की बातें ही बोल डाली पार्षदों में भी कुछ इसी तरह का रोष और उदासीनता जैसे बात भी देखने को मिली।पार्टियों ने तो कई पार्षदों को दूसरे जगह भी और कई पार्षद तो नाम का लिस्ट होते हुए भी अपने जगह दूसरे को शामिल कर दी और खुद मैदान से पृथक हो गए जैसे ही कांग्रेस से अध्यक्ष प्रत्याशी सुरेंद्र जायसवाल का नाम की घोषणा हुई वैसे ही वार्ड क्रमांक 5,6,7,10,14 के पार्षद टिकट के दावेदार मैदान छोड़ दिए उस दौरान तत्काल नए लोगों की खोजबीन कर उन्हें उम्मीदवार घोषित किया गया जिससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी बहुत बड़े संकट से जूझ रही है l वहीं कई प्रत्याशी के पूर्व में कई आपराधिक प्रकरण दर्ज है उसके बावजूद पार्टियों ने ऐसे लोगों को टिकट देकर भी जनता के बीच मैदान में उतारा है जो समझ से परे है l 
किस तरह का रिकॉर्ड अध्यक्ष प्रत्याशियों का ...
अशोक जैन निश्चित तौर पर एक अनुभवी राजनीतिज्ञ है और अब बलौदाबाजार नगर पालिका के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रूप में भाजपा के निर्वाचित योद्धा के रूप में मैदान पर उतर चुके हैं मगर शहर वासियों ने बताया कि अशोक जैन कभी कभी कांग्रेस में कभी बहुजन समाज पार्टी में रहे है, बहुजन समाज पार्टी में विधानसभा चुनाव बुरी तरह हार गए थे और अपना भाजपा में शामिल है और पिछली बार भाजपा से वार्ड क्रमांक 12 में पार्षद चुनाव लड़कर भी चुनाव हार गए थे, फिर भी आखिरकार इन्हें टिकट दिया गया तो किस आधार पर दिया गया क्या कहानी है और अब क्या आगे का नगर पालिका का गाथा लिखा जाएगा क्या विकास की गंगा बहेगी यह तो आगे ही पता चल पाएगी कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि मंत्री के करीबी होने के कारण भी अशोक जैन को टिकट मिला। और पहले के जैन साहब किस तरह से अपने दैनिक जीवन में किस तरह के और क्या-क्या कार्य करते हुए संपत्ति के मालिक थे और आज कितनी संपत्ति चल अचल है और कितने कारोबार फैलाए हुए हैं पूरी जानकारी निर्वाचन कार्यालय में जमा भी होगी।
सुरेंद्र जायसवाल जो कांग्रेस के अध्यक्ष प्रत्याशी के रूप में मैदान पर उतर रहे हैं उनका भी रिकॉर्ड अजब गजब है वह पांच बार के पार्षद और गजब के अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं और राजनीति का गुण उसमें जमकर भरा हुआ है मगर कुछ अपराधिक रिकॉर्ड भी उनके इर्द-गिर्द नजर आते हैं हालांकि आरोप तो लगता रहता है आरोप सिद्ध होने पर ही किसी को कुछ कहा जा सकता है और शायद जायसवाल जी भी कुछ अलग-अलग पार्टी विशेष में पहले भी रह चुके हैं, की बात की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। मगर पहले किस तरह की चल अचल संपत्ति और अभी क्या स्थिति है वह तो पूरी जानकारी निर्वाचन कार्यालय में होगी।