24 HNBC News
24hnbc सरकारी जमीन पर कब्जे, मंत्री का जवाब असंतुष्ट सत्ता पक्ष का विधायक
Monday, 16 Dec 2024 18:00 pm
24 HNBC News

24 HNBC News

24hnbc.com
बिलासपुर, 17 दिसंबर 2024। 
दो अलग-अलग मामलों से समझे कि छत्तीसगढ़ में सरकारी जमीन और उसे पर कब्जे को लेकर स्थिति कितनी विसंगति पूर्ण है। बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने विधानसभा में प्रश्न किया था की 2021 से 24 के बीच सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायत कितनी है। संबंधित मंत्री ने बताया कि 563 शिकायत है 307 अदालत में लंबित है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुशांत शुक्ला को जवाब से संतुष्टि नहीं थी। उन्होंने कहा की उत्तर गलत है विधायक को तखतपुर विधायक का समर्थन भी मिला।
 जिले में सरकारी जमीनों पर कब्जे की शिकायत के कारण कलेक्टर ने एक जांच समिति बनाई थी। उसमें जो आंकड़ा आया था मंत्री का जवाब उससे भी मिल नहीं खाता, लगानी जमीन को आधार बनाते हुए बैंक से लोन आम बात है और ये काम राष्ट्रीयकृत बैंक बहुत करते हैं। ऋण डूबत में न जाए के लिए केंद्र सरकार ने सरफेसी एक्ट बनाया जिस बैंक अपनी लोन राशि को डिफाल्टर की संपत्ति बेचकर शीघ्रता से वापस ले सके। इस एक्ट के दायरे में बैंक के साथ होम लोन देने वाली निजी कंपनियां भी आ गई। 
बिलासपुर में हिंदूजा फाइनेंस ने 675/3 खसरा नंबर पर खूब लोन बाटा यह जमीन सन 2015 में मुख्यमंत्री पट्टे के तहत आवास हीन को प्रदान की गई थी। पट्टे किसी भी स्थिति में 3 डेसिमल से ज्यादा का नहीं है। अर्थात 800 से 1000 स्क्वायर फीट का है। ऋण राशि वापस न आने पर कंपनी ने कलेक्टर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और नीलामी आदेश निकल गया। अब सरकारी जमीन नीलाम हो रही है जो हो ही नहीं सकती। 
पट्टा अहस्तांतरित है हिंदुजा कंपनी के अधिवक्ता ने जब सर्च रिपोर्ट दी होगी तो क्या यह तथ्य नहीं बताया होगा कि जमीन पट्टे की है और पट्टे की श्रेणी कौन सी है। आवास पट्टे पर वह भी राजीव पट्टा, इंदिरा पट्टा या मुख्यमंत्री पट्टा कभी भी राष्ट्रीयकृत बैंक का लोन का आधार नहीं बन सकता जबकि निजी फाइनेंस कंपनियां ज्यादा ब्याज के चक्कर में काम कागजी कार्यवाही देखी है।