दर्जनभर लोगों ने कहा, कभी भी पहुंच जाते है, 50-60 हजार ऐंठ लेते है गुप्त बैठक मे हुई औषधि निरीक्षक पर सबसे ज्यादा चर्चा
Monday, 04 Nov 2024 18:00 pm
24 HNBC News
24hnbc.com
बलौदाबाजार,5 नवंबर 2024। समाचार संकलन जिला प्रतिनिधि।
जिले मे झोलाछाप डाक्टरों की मनमानी व लापरवाहीपुर्वक इलाज कों लेकर लगातार खबर प्रकाशित हो रही है किन्तु जिम्मेदार के कानों मे जुँ तक नहीं रेंगा है। कार्रवाही न होने के पीछे झोलाछाप डाक्टरों के संगठन कों प्राप्त राजनीतिक संरक्षण व समय समय पर जिम्मेदारो के जेब गरम करना बताया जा रहा है। बतादे की 21 अक्टूबर दिन सोमवार कों रायपुर रोड स्थित नवनिर्मित बिल्डिंग मे झोलाछाप डाक्टरों का आपातकालीन बैठक संपन्न हुआ था जिसमें झोलाछाप डाक्टरों पर होते होते कार्यवाही रुकने का श्रेय संगठन के पदाधिकारीयों ने लिया तथा दिवाली से पूर्व अधिकारीयों कों पान फुल स्वरुप नजाराना भेट करने पर सहमती बनी जोकि सूत्रों के बताये अनुसार उक्त कमीशन जिम्मेदार तक पंहुचा दिया गया है। चुकि उक्त बैठक लगभग चार घंटे चली जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा ड्रग इंस्पेक्टर के ऊपर हुआ। मेडिकल की आड़ मे क्लिनिक संचालित क़र रहे झोलाछाप डाक्टरों ने एक एक करके ड्रग निरीक्षक के पैसा वसूल कार्रवाही के शिकार होने की बातें बतायी एवं मोटी कमीशन देने की बात कही। स्पष्ट है जिले मे स्वास्थ्य विभाग व ड्रग विभाग खुलेआम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ क़र कमीशनखोरी का खेल खेल रहे है किन्तु न तो जिम्मेदार अनुविभागीय अधिकारि और न ही जिला कलेक्टर इस पर अंकुश लगा पा रहे है।संघठन के अध्यक्ष अपने वक्तव्य के दौरान कहा कि हमें पूर्व विधायक का पूरा सहयोग मिला था और अभी भी हमें केबिनेट मंत्री का भरपूर सहयोग मिल रहा है हमें किसी अधिकारी और कोई पत्रकारों के खबरों से डरने की कोई जरुरत नहीं है खबर से कुछ नहीं होगा हम अधिकारीयों को पानफूल का सहयोग करते है हमें किसी से डरने की कोई जरुरत नहीं होगा अगर कोई अधिकारी कार्यवाही करेगा तो मंत्री से अधिकारी को फ़ोन लगवा देंगे। इस प्रकार के तमाम बाते कहकर अपने गैर पंजीकृत ग्रामीण चिकित्सक संघ के सदस्यों का हौसला बढ़ाया गया।
जो संगठन से जुड़ा है उससे वसूलती है कम पैसा
ग्रामीण क्षेत्र मे प्रैक्टिस कर रहे चिकित्सकों का कल्याण संघ के उक्त बैठक मे दर्जनों लोगों ने एक एक करके अपनी आप बीती बताई कि ओ अकेली आती है और कुछ ना कुछ नियमों का हवाला देकर मोटी रकम वसूल करती है। किसी ने 60 हजार देने कि बात कही तो किसी ने 40 तो किसी ने 30 हजार देने की बात कही। वही संगठन के अध्यक्ष ने बताया है जिन सदस्यों ने कार्रवाही के दौरान हमें तत्काल सुचना दिया उसे मुश्किल से 10 हजार ही देना पड़ा जिस बात की दो-तीन पीड़ित डाक्टरों ने पुष्टि भी किया। अध्यक्ष ने कहा की हमारे द्वारा एक मेडिकल स्टोर्स से भी ज्यादा दवाई सन्धारण करके रखा जाता है इसलिए ऐसी कार्रवाही हो रही है अतः सभी लोग मेरा संपर्क नंबर रखो और जैसे ही औषधि निरीक्षक द्वारा कार्रवाही की जाती है तो मुझे फ़ौरन सूचित करें ताकि कम कीमत मे मामला सुलझ जाये और आप लोगों कों अधिक व्ययभार न पड़े। झोलाछाप डाक्टरों के उक्त बैठक मे ड्रग निरीक्षक के सम्बन्ध मे ऐसी ऐसी बातें कही गयी जिनका खबर मे उल्लेख कर पाना संभव नहीं। खैर स्पष्ट है की जिले के स्वास्थ्य विभाग व औषधि विभाग कों जनस्वास्थ्य से कोई लेना देना नहीं है वें केवल अपनी जेबें भरने मे लगे है।
दूसरे के लायसेंस पर किराया देकर संचालित हो रही मेडिकल स्टोर्स
ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के ही संचालित हो रहे हैं। ड्रग विभाग को इसकी भनक है लेकिन कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। बैठक में संगठन के अध्यक्ष खुले तौर पर बोल रहे हैं कि उनकी स्वं की बेटी के लाइसेंस को उन्होंने अर्जुनी व पनगांव में किराए पर दे रखा है तथा स्वयं अपने गांव में भी मेडिकल खोलकर बैठा है और उसी मेडिकल की आड़ में अपना क्लीनिक संचालित कर रहा है। इस तरह बिना फार्मासिस्ट वह जरूरी दस्तावेजों के मेडिकल दुकान का व्यवसाय किया जा रहा है तथा वहां अपात्र व्यक्ति बैठकर दुकान चला रहा है जिनको दवाइयां तक की जानकारी नहीं है। इन मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ ना तो ड्रग इंस्पेक्टर कोई कार्रवाई कर रहा है और ना ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी। नियमों को ताक में रखकर दूसरे के लाइसेंस को मासिक या सालाना किराया मे लेकर चला रहे मेडिकल स्टोर व उसकी संचालक तथा वैध लायसेंसधारी की जानकारी भली-भांति ड्रग विभाग को है तथा इसकी एवज में उन्हें तगड़ी कमीशन की प्राप्ति हो रही है।
कुछ मेडिकल स्टोर्स चिन्हाँकित, जहाँ फार्मासिस्ट छोड़ते है पैसा
प्रत्येक 15 किलोमीटर की दायरे मे एक मेडिकल स्टोर्स कों कलेक्शन सेंटर के रूप मे ड्रग विभाग द्वारा चिन्हांकित किया गया है जहाँ पर सभी फार्मासिस्ट अपना नजाराना छोड़ते है फिर ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा उस मेडिकल स्टोर्स मे कलेक्शन हुए सभी रूपये उठा लिया जाता है। इस तरह जिम्मेदार अपने कर्तव्य कों भूलकर खुलेआम पैसा वसूली मे लगे हुए है किन्तु जिला प्रसाशन के उच्च अधिकारी अपना आँखों मे पट्टी बांधकर बैठे हुए है।
बलौदाबाजार मे अब तक झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाही
अनाप शनाप इलाज क़र मोटी रकम वसूलने व गलत इलाज से स्थिति गंभीर होने पर नीजी अस्पतालों मे भेजकर कमीशन खाने वाले झोलाछाप डाक्टरों पर बलौदाबाजार मे किसी तरह की कार्यवाही न होना क्षेत्र मे लम्बे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है। झोलाछाप डाक्टरों के बैठक मे अध्यक्ष महोदय ने बताया की हम पदाधिकारी द्वारा लगातार हफ्तेभर क्षेत्र के बड़े नेता व अधिकारी कर्मचारियों से मुलाक़ात करते रहे है और उसी के बदौलत ही बलौदाबाजार कार्रवाही से बचा है और आगे भी बचा रहेगा। उन्होंने आगे बताया की पिछले वर्ष भी बहुत से ग्रामीण चिकित्सक साथी कों नोटिस दिया गया था जिस पर हमने भाटापारा के बड़े नेता के सरण मे गए जहाँ उन्होंने स्वयं जिला प्रशासन के आला अधिकारीयों कों बुलाकर डांट फटकार लगाई तथा उसी वज़ह से किसी भी चिकित्सक साथी कों आजतक नोटिस का जवाब देने की नौबत नहीं आयी। ये 2008 से संचालित हमारे संगठन की शक्ति है इसलिए सभी ज्यादा से ज्यादा संगठन मे जुड़े और आगामी बैठक करमदा गांव मे आयोजित होंगी जहाँ पर नये सदस्य एक हजार सदस्यता शुल्क के साथ संगठन ने जुड़कर विभागीय कार्रवाही से बचे।
राज्योत्सव मे आने वाले है स्वास्थ्य मंत्री, तमाम मसलों पर होगा बड़ा सवाल
छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस पर छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल बलौदाबाजार पहुंचने वाले है। जहाँ पर मिडियाकर्मियों द्वारा जिले मे लचर स्वास्थ्य विभाग व अवैध रूप से संचालित क्लिनिक,पैथोलैब, डायग्नोस्टिक सेंटर की सूची दी जाएगी साथ ही झोलाछाप डाक्टरों की गुप्त बैठक की विडिओ फुटेज कॉल रिकॉडिंग इत्यादि कों सौंपक़र कमीशनखोर अधिकारीयों के ऊपर तत्काल कार्रवाही करने की बातें रखी जाएगी।
वही इस विभाग से सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी लेने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से स्वास्थ्य मे लापरवाही गड़बड़ी व अन्य सम्बन्ध पर जानकारी ली जाती है सीएचएमओ द्वारा कभी विभाग की गलती नहीं मानते है व वकील की तरह से अपनी बात को इतनी सफाई से रखते है की मानो कुछ हुआ ही नहीं। आम जनताओं द्वारा मौखिक एवं लिखित कईयों शिकायत हो चुकि किन्तु आज पर्यंत की भी लापरवाह के उपर कुछ कार्यवाही नहीं हुआ है जिले के कई प्रतिष्ठित निजी अस्पतालो के शिकायत हो गयी है किन्तु कोई कार्यवाही नहीं उनके द्वारा कहा जाता है छोटी सी शिकायत के लिए मै अपना सम्बन्ध क्यों ख़राब करू। जिले मे कई शिकायत जैसे निजी अस्पताल मे आयुष्मान इलाज, जिला अस्पताल रेफर सेंटर बन जाना, कमीशन के चक्कर मे कर्मचारीयों द्वारा नामजद निजी अस्पताल मे गर्भवतीयों व अन्य मरीजों को भेजना, इलाज के दौरान डॉक्टर एवं अन्य कर्मचारीयों की लापरवाही। केवल जांच के नाम पर खानापूर्ति कर जांच की फाइल बंद कर दी जाती है सीएचएमओ साहब बताये किस डॉक्टर पर कार्यवाही की है सीएचएमओ साहब बताये कि कर्मचारीयों द्वारा मरीजों से दुर्व्यवहार हुआ है किस किस कार्यवाही किये है सीएचएमओ साहब बताये कि जिले के निजी अस्पतालो मे कितने सीजर ऑपरेशन के आंकड़े सार्वजनिक करे। जिले मे प्रसव मृत्युदर कितनी है जिले के जिला अस्पताल मे चिकित्सक कितने है और जिला अस्पताल मे कार्यरत चिकित्सक के निजी अस्पताल क्लिनिक कितने है जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो मे ड्यूटी रोस्टर क्यों सार्वजनिक नहीं होता है।जिला अस्पताल मे डॉक्टरों का बर्थडे सेलिब्रेशन तक मनाया जाता है जबकि कर्मचारीयों के भरोसे जिला अस्पताल छोड़ दिया जाता है ऐसे तमाम कई सवाल है जो स्वास्थ्य विभाग के कार्यशैली पर सवाल खड़े होते है। वही ब्लॉक के बीएमओ के कार्यवाही के जवाब भी अपनी डफली अपनी राग के कहावतो पर आधारित है।