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गुणवत्ता विहीन हुआ कार्य तहसील भवन चढ़ा भ्रष्टाचार के भेट, लाखों के हुए वारे-न्यारे
Wednesday, 16 Oct 2024 00:00 am
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बलौदाबाजार, 16 अक्टूबर 2024। समाचार संकलन जिला प्रतिनिधि
जिला बलौदाबाजार भाटापारा के बलौदाबाजार तहसील के नव भवन निर्माण में ठेकेदार और संबंधित विभागीय अधिकारियों के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। ठेकेदार और अधिकारियों के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की कलाई उस समय खुली थी जब दीवारो मे दरारे पुरे भवन के सभी कक्ष मे दिखने लगे है उल्लेखनीय है कि 28अगस्त 2023में ही लोकार्पण हो गया था और इतने अल्प समय में ही दीवारों में दरारें दिखाई दे रहीं थी। साथ ही घटिया गुणवत्ता की वजह से कमरों के दीवारों पर दरारे स्पष्ट दिखाई दे रहा है जो इस बात पर हामी भर रहा है कि भवन निर्माण मे निर्माण एजेंसी द्वारा शुरुआत से लेकर अंतिम निर्माण तक लापरवाही बरती गयी है जिसके परिणामस्वरुप बिल्डिंग अभी से जिर्ण शीर्ण होने लगी है । भवन की भौतिक स्थिति संतोषजनक प्रतीत नहीं हो रहा है ।जानकारी के मुताबिक मौके पर जो स्थिति परिलक्षित हो रही है वह यह स्पष्ट कर रही है तहसील का भवन बनाने में व्याप्त पैमाने पर गुणवत्ता को दरकिनार कर निर्माण किया है जिसमें ठेकेदार के साथ ही विभागीय अधिकारियों के द्वारा भी गुणवत्ता की अनदेखी जानबूझकर की गई जिस कारण से उक्त नवीन भवन अल्प समय में ही दरारो के गोद मे समाता नजर आ रहा है । हालांकि मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन कार्यवाही किस प्रकार करती है देखने वाली बात होगी । 
निर्माण के समय अधिकारी क्यों नहीं देते ध्यान
लाखों-करोड़ों रुपए की इमारतें जर्जर हो रही है जो ठेकेदार और अधिकारियों की संगामित्ती को परिलक्षित करती है। चूंकि शासन के द्वारा किसी भी शासकीय भवन बनाने का टेंण्डर जारी किया जाता है जिसमें ठेकेदार के द्वारा निर्माण कार्य करवाया जाता है और किसी भी एजेंसी को निर्माण कार्य करवाने की जिम्मेदारी होती है तो उसके द्वारा निर्माण कार्य के समय गुणवत्ता की मॉनिटरिंग क्यों नहीं की जाती । वर्तमान में जो स्थिति तहसील भवन बलौदाबाजार में उत्पन्न है उसमें ठेकेदार के साथ ही निर्माण एजेंसी भी बराबर की दोषी माना जा सकता है चूंकि ठेकेदार यदि गुणवत्ता को ताक पर रखकर कार्य कर रहा था तो निर्माण एजेंसी क्या कर रही थी। 
कलेक्टर से कार्यवाही की आस
इस संंबध में पत्रकार के द्वारा तत्कालीन कलेक्टर को मामले से अवगत कराया गया था जिस पर सम्बंधितो पर उचित कार्यवाही करने की बात कही गयी जिसमें किसी तरह की कार्यवाही दोषी ठेकेदार और अधिकारियों पर नहीं की गई है। लिहाजा शासन के पैसों की होली खेलकर गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य करवाया गया है जिस कारण से उक्त सरकारी बिल्डिंग अल्प समय में ही जर्जर होकर जीर्ण-क्षीर्ण हालात में पहुंच रही है। कलेक्टर का स्थानांतरण होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया,अब नये कलेक्टर से कार्यवाही की आस है।
वही इस सम्बन्ध मे लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता(ईई), बलौदाबाजार अनुभागीय अधिकारी(लोनिवि) एवं अभियंता से मोबाइल से संपर्क करना चाहा किंतु उन सभी के द्वारा काल रिसीव नहीं किया गया।
प्रशासन के द्वारा संज्ञान मे आने के बाद क्या कार्यवाही सुनिश्चित करती है बड़ी बात होगी। अनियमिता से सम्बंधित सभी तथ्यों एवं सम्बंधितो के पक्ष जानने के बाद अगले अंक मे प्रकाशित की जाएगी।