24hnbc मां काली के नाम पर खुली दुकान, मरीज की जान बचाएंगे यमराज
Saturday, 12 Oct 2024 00:00 am
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जिला अस्पताल, शहरी डिस्पेंसरी से दूर ग्रामीण क्षेत्र में गैर पंजीकृत झूला छाप की दुकानदारी तो स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगती ही हैं। पर शहर के भीतर पुराने मोहल्ले में इनकी दुकान स्वास्थ्य विभाग की बेशर्मी का परिचायक है।
बंधवापारा, इमली भाटा पीपर चौक में आर के गौराहा फिजिकल केयर सेंटर एक ऐसी ही दुकान है यहां 5 माह के बच्चे से लेकर जो पहुंच जाए सबका इलाज कर दिया जाता है। आयुर्वेद के नाम पर एलोपैथिक दवाई की हर श्रेणी का उपयोग यहां हो जाता है। जिसमें इंजेक्शन, ड्रिप, आईबी तक शामिल है। मरीज को सुविधा इतनी की जैलको लगवा लो रोज आईबी लगवाने आ जाओ। दुकान में ही दवाइयां उपलब्ध है। तीन छोटे-छोटे कमरे, तीनों में मची भीड़ इशारा करती है कि गौराहा जी की सेटिंग स्वास्थ्य विभाग के साथ पुरानी और भरोसेमंद है।
इसी क्षेत्र में चिंगराज पर मुख्य मार्ग अमरिया चौक में मां काली के नाम पर बवासीर, हाइड्रोसील बिना ऑपरेशन के गुप्त रोग, चर्म रोग, सर्दी खांसी का भी इलाज किया जाता है। अनुराग दे जिसकी उम्र अभी 25 भी नहीं है स्वयं को पश्चिम बंगाल से डी फार्मा पढ़ना बताता है। कहता है क्लीनिक खोल तीन माह हुए हैं डी फार्मा की पढ़ाई पूरी नहीं हुई है और मेडिकल स्टोर के स्थान पर सीधा क्लीनिक खोल लेना लगता है। डबल इंजन की सरकार ने नर्सिंग होम क्लीनिक एक्ट में अभूतपुर्ण वी परिवर्तन कर दिया जब ऐसे भक्तों को मां काली का आशीर्वाद हो तो मरीज को यमराज ही बचाएंगे। दरअसल अनुराग और गौराहा जैसे लोक चिकित्सा व्यवसाय में जीते जागते हत्यारे हैं। कब कहां किसका जीवन खत्म हो जाए कोई नहीं जानता।