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बिलासपुर, 2 अक्टूबर 2024।
देश के हर मसले पर बेबाकी से अपनी राय रखने वाले आदरणीय शंकराचार्य जी बिलासपुर में थे। प्रवचन, आशीर्वचन के अतिरिक्त उनकी पत्रकार वार्ता भी हुई। देश के आर्थिक हालात, राजनीतिक स्थिति, व्यापार, वाणिज्य यहां तक की दाढ़ी और संत पर भी बात हुई... पर आम जनता के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या जो कभी निदान हुआ, करना था। दवा के मामले में ना तो शंकराचार्य कुछ बोल न ही नकली दवा की खबर पर उनसे कुछ पूछा गया। यही तो हमारी विडंबना है। वैज्ञानिक सोच इस तरह से खत्म हो रही है धर्म की पूरी घुट्टी इस तरह से हम पी रहे हैं की देवस्थान के प्रसाद में मिलावट हमारे लिए बहुत बड़ा विषय है, परदेस में अधिकांश राज्यों में बुखार से लेकर ब्लड प्रेशर, शुगर यहां तक कैंसर के दवाओं का नकली होना हमारे चिंता का विषय नहीं है।
गुजरात, गाजियाबाद, हिमाचल, मध्य प्रदेश में बनने वाली नकली दावों ने अपनी जड़े प्रत्येक राज्यों में जमाली है। हाल ही में बड़े दवा निर्माता की लगभग 50 मेडिसिन सब स्टैंडर्ड पाई गई और कुछ मामलों में तो नकली पाई गई। एंटीबायोटिक कैप्सूल में टेलकम पाउडर भी मिला इसके कुछ दिन पूर्व आयुर्वेद की दावों में शुद्ध रूप से एलोपैथिक दवाओं के मिश्रण मिल रहे थे। होम्योपैथिक दावों के जांच का कोई सीधा तरीका ना होने के कारण उनकी क्वालिटी पर कोई चर्चा नहीं है। देवस्थान का प्रसाद तेल जोत, घी की जोत उसकी शुद्धता और मिलावट को लेकर सरकार की गंभीरता इतनी की बार-बार गंभीरता के दर्शन समाचार पत्रों में हो रहे हैं। पर दवा गुणवत्ताहीन दवा, नकली दवा पर ना तो कोई जांच की बात कर रहा है ना ही उसके उत्पादन से लेकर तैयार हो गई विपणन व्यवस्था तक कोई इन्वेस्टिगेशन कर रहा है
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