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24hnbc महेश योगी की आत्मा जहां भी होगी अपनी संस्था में चल रहे फर्जीवाड़े से दुखी होगी
Saturday, 20 Jul 2024 18:00 pm
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बिलासपुर, 21 जुलाई 2024। 
आज गुरु पूर्णिमा का अवसर है और कई स्थानों के समान महर्षि यूनिवर्सिटी आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी मंगला में भी महर्षि महेश योगी को आध्यात्मिक गुरु ध्यान पद्धति का आचार्य के रूप में याद किया जा रहा है। पर ऊपर कहीं बैठे हुए महर्षि महेश योगी अपने विश्वविद्यालय में जड़ जमा चुके शिक्षा माफिया की हरकतों से निश्चित ही दुखी होंगे। 
अविभाजित मध्यप्रदेश की उच्च शिक्षा पद्धति में क्रांतिकारी सोच के साथ महर्षि महेश योगी ने प्रवेश किया था। सबसे पहले उन्होंने जबलपुर में एक गर्ल्स कॉलेज खोला और बाद में देश के केंद्र बिंदु कटनी के पास कंदेली में पहला निजी विश्वविद्यालय की स्थापना की, तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में एक विशेष बिल उनके लिए पास कराया तब मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह थे और उनकी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री का पद मुकेश नायक के पास था। बताया जाता है मुकेश नायक तो महर्षि महेश योगी के सिद्धांतों से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ते हुए गुरु महर्षि महेश योगी के आदेश से अजेय भारत पार्टी का गठन किया और पूरे प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी लड़ा। हालांकि बाद में इस पार्टी का कोई नाम लेवाल नहीं बचा। महर्षि महेश योगी का राजनीतिक प्रभाव और सामाजिक प्रभाव घटने लगा और पूरे महर्षि कैंप में स्वार्थी तत्वों का कब्जा होता चला गया जो आज तक जारी है। 
ट्रस्ट की बेशकीमती जमीनों का औने-पौने में सौदा और शिक्षा के नाम हर तरह का फर्जीवाड़ा संस्था की पहचान बन गई। बिलासपुर स्थित महर्षि संस्थाएं भी इससे अछूती नहीं है। मंगला स्थित वर्तमान महर्षि यूनिवर्सिटी में किसका प्रशासनिक आदेश चलता है इस पर लेकर संदेह है। हाल ही में एक ही भवन में सेम फैकल्टी को दो पाठ्यक्रमों में उपयोग होता दिखाकर एक फर्जीवाड़े की शिकायत हुई है। जिस पर 16 जुलाई 2024 को एक जांच दल गठित हुआ है। पर यूनिवर्सिटी का वर्तमान प्रबंध विज्ञापनों के दम पर खबरों को न केवल मैनेज कर रहा है, बल्कि उच्च प्रशासनिक और संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्तियों से मिलकर जांच को प्रभावित करने की कोशिश भी कर रहा है। ऐसा बताया जाता है कि इन दिनों जो चेहरे यूनिवर्सिटी में दिखाई देते हैं वे बिलासपुर के व्यापार मेले में भी दिखाई देते थे। भारतीय दर्शन में महर्षि महेश योगी को भावातीत ध्यान के लिए पहचाना जाता है। उनके कथित चेले अब पाठ्यक्रमों को भाव से बाहर कर रहे हैं। यही शिक्षा की नई ध्यान पद्धति है।