जन नदारत प्रायोजित पब्लिक के बीच होगी मनमर्जी भीषण गर्मी में होगी जनसुनवाई
Friday, 24 May 2024 00:00 am
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बिलासपुर, 24 मई 2024।
आचार संहिता के दौरान जनसुनवाई के नोटिफिकेशन जारी हो रहे हैं। हालांकि जनसुनवाई लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद रखी गई है पर एक बात स्पष्ट है की जनसुनवाई कि तारीखें इस तरह रखी जा रही है कि जनसुनवाई हो जाए जन ना रहे। पहली जनसुनवाई जिसका नोटिफिकेशन आज एक हिंदी दैनिक अखबार में छपी है वह समाचार के रूप में है और यही से विभाग और कंपनी की बदमाशी प्रारंभ होती है।
लोहरसी में एसीसी कंपनी के लिए जनसुनवाई हो रही है यह इस कंपनी की दूसरी जनसुनवाई है। जनसुनवाई अपने पक्ष में निपटाने की तैयारी है तभी तो ऐसे समय जनसुनवाई रखी गई है जब मस्तूरी क्षेत्र का सर्वाधिक मानव पलायन हो चुका है। कंपनी की रणनीति यह है कि स्थानीय नागरिकों के स्थान पर अपने पैड दर्शन खड़े कर दिए जाएं। लोहरसी जहां पर एसीसी का प्लांट प्रस्तावित है वहां से जांजगीर जिले की सीमा मात्र 3 किलोमीटर दूर है। और यही स्थिति बलौदाबाजार जिले की भी है। ऐसे में जनसुनवाई का नियम यह कहता है कि जन सुनवाई तीनों जिले में अलग-अलग होगी। मस्तूरी में दो ऐतिहासिक मंदिर हैं और प्रस्तावित खनन क्षेत्र से इसकी दूरी महज 5 किलोमीटर से कम है। इन सब बातों को मस्तूरी क्षेत्र के युवा नेता टाकेश्वर पाटले ने कहा उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी के लोग इस क्षेत्र में जानबूझकर जातिवाद फैला रहे हैं, और कोशिश कर रहे हैं कि सुनवाई के पूर्व सक्षम जाति अपना वर्चस्व कायम कर ले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन काल में यह जनसुनवाई हुई थी नागरिकों ने अपना मत व्यक्त कर दिया था नई सरकार अपने नेताओं को उद्योग में लगाने के लिए फिर से प्रायोजित जनसुनवाई कर रही है और इस षड्यंत्र को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
असल में जनसुनवाई की यह प्रक्रिया केवल मस्तूरी में नहीं हो रही है पूरे जिले में फिर से जनसुनवाई का दौर प्रारंभ हो रहा है। कोटा और तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में भी जनसुनवाई प्रस्तावित है इसी बीच दो नए तथ्य उभर कर सामने आए। पर्यावरण विभाग के अधिकारी उद्योगों के संदर्भ में मीडिया से दूरी बनाते हैं दूसरी ओर कंपनियां जिनकी जनसुनवाई होनी है उन्होंने ठेके पर अपने एचआर और सीआर बना दिए हैं।