24hnbc सुपर स्पीड से चल रही चंदे भारत कौन रोकेगा या होगी बेपटरी
Wednesday, 10 Apr 2024 00:00 am
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बिलासपुर, 10 अप्रैल 2024।
प्रदेश के एक दैनिक अखबार के प्रथम पृष्ठ पर वंदे भारत ट्रेन चने की खबर लगी हेडिंग उपरांत पढ़ने पर पता चलता है कि दुर्ग से विशाखापट्टनम चंदे भारत एक्सप्रेस चलने वाली है। हालांकि ये टंकण की त्रुटि है, पर कभी-कभी टंकण त्रुटि सत्य हो जाती है। देश के केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी सरकार की यही वास्तविकता है। 2014 से चंदे भारत ही चलाई जा रही है। पीएम केयर फंड जिसका कोई हिसाब नहीं दिया जाता चंदे भारत का ही उदाहरण है।
यदि उच्च न्यायालय ने इलेक्टोरल बॉन्ड अवैधानिक घोषित नहीं किया होता तो चंदे भारत दृत गति से चलता रहता। इन दो योजनाओं के अतिरिक्त शेयर मार्केट में निवेशकों का लाखों करोड़ों रुपया डूबा पर निवेदक सिर पीटता नहीं दिखाई दिया, अगर निवेशक असल होता तो लाखों करोड़ों रुपए डूबने पर सिर पीटते दिखाई देते। कोविड काल में खरीदे गए देसी वेंटीलेटर जिनका भुगतान पीएम केयर से ही हुआ उसी दौरान गैर जरूरी मेडिकल उपकरणों की खूब खरीदी हुई। अपने मित्र मंडली के भीतर ही एमएसएमई को ही काम दिया गया और बदले में चंदे भारत ही चलाई गई जो अभी भी चल रही है।
अबकी बार 400 पार का नारा देकर परिधान मंत्री जब अन्य राजनीतिक दलों पर जो सत्ता में नहीं है पर आरोप लगाते हैं फक्तियां कसते हैं तो ऐसा लगता है कि सरकार विपक्षी दलों की है। जब विपक्षी दल परिधान मंत्री को जवाब देते हैं तो वे तुरंत प्रधानमंत्री के रूप में आ जाते हैं और कहते हैं कि प्रधानमंत्री का अपमान हो गया। उन्हीं का बनाया गया केचुआ प्रधानमंत्री के अपमान पर नोटिस जारी कर देता है। कुल मिलाकर भाजपा इस बार के चुनाव में 20 वर्ष पूर्व पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तर्ज पर चुनाव में उतरी है। खेल प्रेमी लोग जानते होंगे एक वक्त था जब पाकिस्तान क्रिकेट टीम से पाकिस्तान में कोई नहीं खेलना चाहता था कहा जाता था कि अपनी टीम के साथ दो अंपायर को भी खिलते हैं, पर भाजपा को पाक क्रिकेट टीम को भी पीछे छोड़ दिया केचुआ तो अपना ही बनाया विपक्षी दलों के खिलाड़ियों के हाथ भी पीछे बांध दिया जिन्होंने हाथ नहीं बनाए उनके खाते फ्रीज किए गए इतने पर भी ना माने तो ईडी से उठवाकर जेल भेज दिया। इस पर भी जब 400 पार होना नहीं दिख रहा तो धर्म को चौक चौराहे रंग विशेष से कर दिए गए यहां तक की ट्रैफिक सिग्नल भी दिखाना बंद हो गया। धर्म के नाम पर यह डेकोरेशन और उसका खर्चा कहां से आता है की जांच कोई एजेंसी नहीं करती।