24 HNBC News
24hnbc हमर लैंब के बावजूद आउटसोर्सिंग से हो रही जांच, बिल्हा के अस्पताल में गायनिक की तानाशाही
Tuesday, 05 Mar 2024 00:00 am
24 HNBC News

24 HNBC News

24hnbc.com
बिलासपुर, 5 मार्च 2024।
एक तरफ भाजपा महतारी वंदन योजना की घोषणा कर के उसकी दम पर सरकार बनाती है । दूसरी ओर बिल्हा के सरकारी अस्पताल मे रोज प्रसूती के लिए आई महिलाओं की जान को वहां के डाक्टर जोखिम मे डालते है। सब सुविधाओं से सम्पन्न इस अस्पताल मे बगैर ब्लड सुविधा के प्रसूती कराई जा रही हैं। किसी दिन बडी घटना जब तक नहीं होगी तब तक इस अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को होश नहीं आएगा। यह पूरी लापरवाही जानबूझकर की जा रही है। सब नियमों को समझते हुए की जा रही है ऐसा लगता है कि इस गायनिक डॉक्टर के सर पर किसी बड़े नेता का हाथ है। तभी तो चिकित्सकीय निर्देशों की अवहेलना लगातार की जा रही हैं। अस्पताल के लैब में चर्चा करने पर पता करने पर पता चला कि सिजेरियन के प्रकरण एक माह में काम से कम 10 होते हैं। हर माह औसतन 150 डिलीवरी होती है सिजेरियन के पहले ना तो ब्लड ग्रुप, ना क्रॉस मैचिंग ना ही हीमोग्लोबिन की जांच की जाती है। पुराने रिपोर्ट को आधार मानकर सिजेरियन कर दिया जाता है। बड़ी धनराशि खर्च होने के बाद इस अस्पताल में ब्लड स्टोरेज की सुविधा तो है पर यह अभी चालू नहीं है। इसी का लाभ लेकर प्रस्तुति विशेषज्ञ आउटसोर्सिंग के माध्यम से कमीशन खा रहे है। अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ लगातार कई सालों से यही पदस्थ है अस्पताल के पास ही उनका आवास है जहां पर अल सुबह से ही मरीजों का आना शुरू हो जाता है। बिल्हा अस्पताल की ओपीडी में बैठने के पहले वे सरकारी आवास में सेवाएं देती है। ओपीडी के बाद फिर से सरकारी मकान अस्पताल बन जाता है।
 सूत्र यहां तक बताते हैं कि सामान्य प्रसव को सिजेरियन के स्तर पर ले जा कर सरकारी अस्पताल रेफर किया जाता है। यहां निशुल्क सिजेरियन होता है और एक प्रस्तुति के पीछे के प्रसूता को ₹1400 का भुगतान होता है पर डॉक्टर अपनी फीस निजी स्तर पर मरीज से ले लेते हैं। मरीज का परिवार फिर भी इसलिए खुश होता है कि उसे डिलीवरी के लिए बिलासपुर नहीं जाना पड़ा।