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महंगाई किसी के लिए डायन किसी के लिए डार्लिंग, अब तो स्मृति से ही हो गई विलुप्त 1 दिन में प्याज 40 से 60 किसी नेता का मुंह क्यों नहीं खुलता इस पर
Saturday, 28 Oct 2023 00:00 am
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बिलासपुर, 28 अक्टूबर 2023।
₹10 में₹10 में पांच गुपचुप बेचने वाला 5 से 7 रुपए में समोसा बेचने वाला से लेकर साधारण सम्मानजनक गृहस्ती वाला इस समय हतप्रभ है उसने 1 दिन में 20 से 40 रुपए 40 से सीधा ₹60 किलो हो जाने वाली प्याज इसके पहले कभी नहीं दिखी। खाली आम आदमी से दूर होती जा रही आप कल्पना करें सब्जी बाजार के बाहर खड़े हैं हाथ में₹10 का झोल है जब में ₹100 का नोट है अंदर जाकर आधा किलो प्याज 1 किलो आलू एक पाव लहसुन₹10 का अदरक कितने में आपकी ₹100 का नोट दम तोड़कर ₹5 में बदल जाता है। ₹10 का होला जो आप घर से लेकर चले थे उठाई और निकल पड़िए मेरा क्या है मैं तो झोला लेकर निकाल लूंगा ने आपको कहीं का नहीं छोड़ा पूरी बेशर्मी के साथ चुनाव लड़ने वाले नेता रोज नए-नए जुमले गढ़ रहे हैं। भाजपा तो परिधान मंत्री का रिकॉर्ड ऑडियो चला रहा है। पहले मन की बात और अब रिकॉर्ड ऑडियो आपके रोजमर्रा की महंगाई आपकी रोज की परेशानियां किसी के भाषण में स्थान नहीं पा रही है। कांग्रेस के नेता, आप के नेता या किसी अन्य दल के नेता ईडी, आईटी से परेशान है उनके भाषण में अपनी निजी समस्याएं परिधान मंत्री को किलो में मिलने वाली गलियों का दर्द है। हमारी आपकी गर्दन पर चलने वाली छुरी किसी के चुनावी भाषण में नहीं है। उलट हमारे आपके टैक्स से ही सत्य प्रतिशत मतदान का विज्ञापन एजेंडा ही करोड़ों में है। पर महंगाई से रोज खलबते पर फूटने वाला, मिक्सी में पीसने वाला किसी नेता के एजेंट पर नहीं है वे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी जिन्हें भारत सरकार सम्मानजनक पेंशन देती है। कैंटीन पर आजीवन सस्ती दर पर समान देती है भी विदेश में जाकर दूसरे देश की सेवा को किसी निजी कंपनी द्वारा प्रशिक्षण देते हैं यह आर्थिक लालच ही तो है। पर फुटबॉल का वर्ल्ड कप फीफा की तैयारी के दौरान कतर में 6500 मजदूर दुर्घटनाओं में अपनी जीवन लीला समाप्त कर बैठे आंकड़े बताते हैं कतर में कल बाहरी श्रम शक्ति 25% है। लिहाजा जब 6500 मारे तो उसके 25% भारतीय होंगे फिर स्पष्ट करें कतर की कुल बाहरी श्रम शक्ति में भारत की हिस्सेदारी 25% है। तब हमारे देश के नेता चुप थे, अखबार चुप थे, देश की मीडिया के लिए आज जनवादी मुद्दे कोई स्थान नहीं रखते तभी तो₹60 किलो प्याज,₹80 किलो करेला, ₹50 किलो टमाटर,₹160 किलो राहरदाल लहसुन ₹30 भाव से₹50 पाव तक हो गया जीरा ₹800 और  काजू भी ₹800 है, पर कोई खबर नहीं बनती। खबरें बनती है 80-20 , धर्मांतरण, हिंदू मुस्लिम, जाति जनगणना जब नागरिक ही नहीं बचेंगे तब जाति को जिन कर क्या कर लोगे ..... ?