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मरीज की मौत के बाद खुली पोल निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीज को रख रहे अन्य मरीज के साथ लापरवाही
Saturday, 15 Apr 2023 00:00 am
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समाचार - (राघवेंद्र सिंह) 
बलौदाबाजार-भाटापारा, 15 अप्रैल 2023 । जिले में मरीजो को लेकर कई तरह के खेल खेला दिखाई पड़ रहा है और आज इसी तारम्य में 2 निजी अस्पतालों के बाद सरकारी अस्पताल में आने के बाद व्यक्ति का मृत्यु हो जाना इस तरह का हाल जिले में पनपते हुए दिखाई दे रहा है बलौदाबाजार भाटापारा जिले में आज दिनांक तक भी कोरोना गाइडलाइंस के नियमों का पालन नहीं हो रहा है और निजी अस्पतालों में कोरोना जांच नहीं किया जा रहा है सिर्फ बाकी गतिविधियों पर ही ध्यान दिया जा रहा है ताजा उदाहरण देखने को मिल रहा है कि बलौदाबाजार विकासखंड के जुड़ा निवासी एक 62 वर्षीय व्यक्ति की है जिनका दिन बुधवार को कोरोना से मौत हो गया पूरे घटनाक्रम की ओर अगर ध्यान दे तो क्या-क्या बातें सामने आती है
मृतक कुछ दिनों से बालतोड़ (अज्ञा) से ग्रसित था इसकी वजह से हल्का हल्का सा बुखार बना रहता था हालांकि अपने रोजमर्रा की काम पर जाता था और परिवार का भरण पोषण करता था इसी बीच में बुखार तेज होने की वजह सेतथा उल्टी बढ़ने की स्थिति में वह बलौदाबाजार के आनंद हॉस्पिटल पर भर्ती हुआ मृतक का पुत्र बसंत वर्मा अपने पिताजी को लेकर आनंद हॉस्पिटल लगभग शाम 7:30 बजे दिन सोमवार को भर्ती कराया जहां पर हॉस्पिटल प्रबंधन के द्वारा प्राथमिक उपचार प्रारंभ किया गया साथ ही साथ सभी तरह की आने वाली टेस्ट भी किया गया और रात भर अपनी निगरानी में रखा दूसरे दिन टेस्ट की रिपोर्ट बताते हुए हॉस्पिटल प्रबंधन के द्वारा बताया गया कि सभी तरह का टेस्ट सामान्य है और अब आप लोग निश्चिंत रहे मगर दिन में मरीज की सेहत बिगड़ते हुए देखते हुए परिजनों के द्वारा उस अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया और श्री राम हॉस्पिटल दिन मंगलवार समय लगभग रात्रि 11:30 जाकर भर्ती कराया गया जहां पर मात्र 40-45 मिनट ही बेड पर रहा उनके बाद वहां की भी स्थिति और आर्थिक पैसे की तंगी को लेकर अपने पिताजी को घर ले आया मगर रात में तबीयत बहुत ही ज्यादा बिगड़ रही थी इसी को देखते हुए सुबह 4:00 बजे जिला अस्पताल बलौदा बाजार में भर्ती कराया गया और इलाज के दौरान पता चला कि मरीज को कोरोना था अंततः शाम लगभग 7:00 बजे उनकी मृत्यु हो गई।
घटनाक्रम में अलग-अलग बातें आया सामने, कोरोना से मौत एक 65 वर्षीय व्यक्ति से पूरा जिला गमगीन हो गया और देश में तीसरा लॉकडाउन का असर जैसे देखने को मिलना प्रारंभ हो गया सभी घटनाक्रम को देखें तो परिजन का अलग बयान,आनंद हॉस्पिटल का अलग बयान, श्रीराम हॉस्पिटल का अलग बयान सुनने को मिला।मीडिया के द्वारा इन सभी वाक्यांशों पर ध्यान दिया गया और क्रमबद्ध तरीके से हर जगह पहुंचा गया सर्वप्रथम जुड़ा में परिजन के यहां, उसके बाद श्री राम हॉस्पिटल, उसके बाद आनंद हॉस्पिटल पहुंचा गया। परिजनों की मानें तो कई तरह की बातें सामने आई हैं जिसमें आनंद हॉस्पिटल पर गंभीर कई तरह के आरोप लगाया जा रहा है इलाज के तरीके को लेकर, रखरखाव के तरीकों को लेकर,दवाई को लेकर, पैसे को लेकर तथा स्टाफ एवं डॉक्टर को लेकर भी नाराजगी एवं गंभीर आरोप लगाए उसी तरह से श्रीराम हॉस्पिटल पर भी उन्होंने कहा कि चंद समय में ही मुझे इतने रुपयों की अदायगी करनी पड़ी तो हो सकता था कि अगर मैं वहां भर्ती कराता तो कितना पैसे लग जाता और जान बचता कि नहीं वह भी साफ नहीं था अंत में विवश होकर घर आना पड़ा मगर जब तक स्वास चल रही है तब तक इलाज कराना भी जरूरी था इसलिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। सभी बातों का आकलन किया गया तथा सभी पक्षों का बयान लिया गया अंत में मुख्य चिकित्सक अधिकारी एमपी माहेश्वरी से फोन किया गया मगर फोन पर बात नहीं होने तथा छुट्टी के वजह से मिल नहीं पाने के कारण पूरी बातें नहीं लिखी जा रही है खबर अभी बाकी है वह अगले अंक में पुनः प्रकाशित करेगी।