24hnbc शराब, कोयला, नमक, चावल सब घोटाला एक साथ, केंद्र की ईडी तो क्या कर रही है राज्य सरकार की जांच एजेंसी
Wednesday, 29 Mar 2023 18:00 pm
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बिलासपुर, 30 मार्च 2023। 28 मार्च से रायपुर, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में फिर से ईडी सक्रिय है। इस बार ईडी के छत्तीसगढ़ आने के अर्थ कुछ हटकर है। जिन लोगों के दफ्तर, घर पर छापा पड़ा है जांच चल रही है उसके मायने कुछ ज्यादा है।
आइए इनके कारण समझते हैं, अभी तक छत्तीसगढ़ में ईडी का छापा कोयला लेबी ₹25 प्रति टन कुल रकम 500 करोड़ से जुड़ा बताया जाता रहा, राज्य प्रशासनिक सेवा का एक आईएएस कुछ व्यापारी जेल में है। कांग्रेस के कुछ नेता, विधायक और रायपुर राजधानी का महापौर भी छापे की जद में है। इस बार जो छापा पड़ा उसमें शराब कारोबारी भाटिया एंड संस, भाटिया एंड भाटिया के साथ एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी टुटेजा भी शामिल है। छत्तीसगढ़ में टुटेजा और शुक्ला का नाम पीडीएस घोटाला, नान घोटाला के संदर्भ में देश भर में पहचान रखता है, और टुटेजा जी छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से नान घोटाला मामले में अग्रिम जमानत पर हैं और इसी जमानत पर उच्चतम न्यायालय में एक प्रकरण पंजीबद्ध है जिसमें राज्य सरकार प्रदेश के मुख्यमंत्री और ईडी तीनों की ओर से देश के नामी गिरामी वकील पक्ष रखते हैं। सबसे पहले 21 जुलाई 2015 में राशन और नमक की गुणवत्ता को लेकर एनडीटीवी पर खबर चली तब विधानसभा में विधायक कवासी लखमा और विधायक भूपेश बघेल ने तब की सरकार को खूब घेरा, 12 फरवरी 2015 एसीबी और ईओडब्ल्यू ने 12 दर्जन अधिकारी और कर्मचारियों के घर और कार्यालय पर छापा मारा। 3 करोड़ 43 लाख 96 हजार 965 रुपए बरामद हुआ। 3 साल की लंबी जांच के बाद 27 को आरोपी बनाते हुए 16 के खिलाफ चार्जशीट 5 दिसंबर 2011 को दाखिल की गई। अनिल टुटेजा नान के डीएम थे और आलोक शुक्ला विभाग के सचिव थे। 29 अप्रैल 2019 में उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ से टुटेजा अग्रिम जमानत पर है इन दिनों वे छत्तीसगढ़ सरकार के संविदा नियुक्ति में भी रहे थे चर्चित अधिकारी हैं और जब कभी भी इन के संबंध में कोई बड़ी खोजी रपट किसी अखबार में छपती ये उसके खिलाफ मानहानि का दावा करने से नहीं चूकते। 23 दिसंबर 2022 स्टेटमेन अखबार में अजय भान सिंह ने इन पर एक खबर लिखी तो अनिल टुटेजा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अखबार के संपादक, एमडी और लेखक के विरुद्ध 1 करोड़ का मानहानि प्रकरण तीस हजारी कोर्ट में लगाया है। पिछले आम चुनाव के समय उस समय के कांग्रेस के अध्यक्ष ने चुनावी सभा में नान घोटाले को 36000 करोड का बताया था। सरकार बदली और परिस्थितियां बदली नान प्रकरण की जांच और कोर्ट में सुनवाई पर परिणाम निकलने वाला कुछ होता नहीं दिखाई दिया उलट 2022 से 500 करोड़ कोयला लेबी घोटाला पर ईडी कुदफान्द चल रही है। चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है फिर से तुलना करें 36 हजार करोड़ का नाम घोटाला और 500 करोड़ का कोयला लेबी घोटाला यदि राज्य की जांच एजेंसियों ने नान घोटाले पर सही तरीके से जांच की होती तो कितने सरकारी कर्मचारी और कांग्रेसी नेताओं के बताए अनुसार भाजपा के कितने मंत्री और नेता अंदर होते या जमानत पर बाहर होते। यही हाल आबकारी के संदर्भ में भी है। कई साल तक लगभग 9 साल रिटायरमेंट हो चुके समुद्र सिंह को भाजपा राज ने संविदा पर रखा और आबकारी विभाग में जमकर घोटाले हुए जब कांग्रेस सरकार आई तो समुद्र सिंह नौकरी से त्यागपत्र देकर फरार हो गए, बाद में गिरफ्तार हुए पर जांच का दायरा बेहद सीमित रहा यह कल्पना ही की जा सकती है कि किसी भी विभाग में उसके मंत्री और मुख्यमंत्री की सहमति के या बगैर जानकारी के 9 साल तक लगातार एक ही तरीके से आर्थिक अपराध कैसे किया जा सकता है। अब ईडी का अगला कदम कोयला आबकारी और नान तीनों को मिलाकर क्या होगा। क्योंकि इन तीनों घोटालों पर पैसा जमीनों में, होटल व्यवसाय में खूब लगा बताया जाता है।