24hnbc विश्व गुरु की यह हालत ऐसा रहा तो हम नहीं देंगे परीक्षा
Monday, 13 Mar 2023 00:00 am
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बिलासपुर, 13 मार्च 2023। भाजपा यह मानती है कि झूठ का डंका बजाकर जनता को बेवकूफ बनाया जा सकता है, और सच को भी छुपाया जा सकता है इतना ही नहीं यदि इस बीच में कोई सच बोले तो उस पर जमानत पर आए हो, तुम्हारे दादा परदादा तो चोर थे और तुम भी उसी श्रेणी के हो.... आदि बातें कह कर उसका चरित्र हनन किया जा सकता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि फला फला आदमी देश की बदनामी कर रहा है। असल में देश की बदनामी होती कब है और हमको अन्य देशों के साथ जिन परीक्षाओं में बैठना होता है। वहां के परिणामों से ही हमारी या किसी भी देश की साख बनती बिगड़ती है। नेक नामी और बदनामी भी यहीं से बनती बिगड़ती है। दुनिया भर के मानकों पर भारत की असलियत कहां है इसे देखकर ही 2014 से 2022 के बीच के नेतृत्व करता को समझा जा सकता है। ग्लोबल प्रेस फ्रीडम रैंक में भारत 2021 में 180 देशों के बीच 150 वें नंबर पर था, 16 में 133 वें नंबर पर था, 20 में 142 में नंबर पर था। 133 के बाद की कैटेगरी को खराब, खतरनाक स्थिति माना जाता है। सरकार अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए हर साल हजारों करोड़ रुपए खर्च करती है पर प्रेस फ्रीडम रैंक में हम इतने नीचे क्यों जा रहे हैं। भुखमरी से संबंधित रिपोर्ट ग्लोबल हंगर रिपोर्ट में भारत दुनिया के 121 देशों के बीच एक 107 वे पायदान पर है। श्रीलंका, मेनमार्क, बांग्लादेश, नेपाल की स्थिति हमसे बेहतर है। इस रिपोर्ट में पीछे होने का मतलब है समुचित मात्रा में खाना देने ऊंचाई के मुताबिक वजन होने, उम्र के मुताबिक ऊंचाई होने, और 5 वर्ष से कम बच्चों की मृत्यु संख्या आदर्श ऐसी स्थितियां हमारे यहां नहीं हैं। यह स्थिति तब है जब भारत में 80 करोड़ लोगों को सरकार दो वक्त का खाना मुहैया कराती है। औरतों के हालात पर ग्लोबल जेंडर गैप की रिपोर्ट में भारत 135 से पायदान पर है। इस रिपोर्ट में 146 देशों में अध्ययन हुआ ग्लोबल मल्टी लेवल ग्लोबल पॉवर्टी इंडेक्स में भी हमारी स्थिति ठीक नहीं है। सांप्रदायिक तनाव के मामले में हमारे यहां 9.4% तनाव होता है यह हाई कैटेगरी के माने जाते हैं। ईनफ्लेकचूवेल प्रॉपर्टी इंडेक्स के मामले में 2014 में हम 25 वें नंबर पर थे अब 55 पर पहुंच गए हैं। स्मार्ट सिटी की चर्चा ही बंद हो गई है, 2019 में ग्लोबल स्मार्ट सिटी इंडिया की गणना शुरू हुई जिसमें भारत की तरफ से बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद को शामिल किया गया। तब बेंगलुरु 79 पायदान पर था अब 93 पर है, मुंबई 78 पर था अब 90 पर है, दिल्ली 68 से उतरते हुए 89 पर चला गया यही हाल हैदराबाद का है 62 से 92 पर पहुंच गया। रूल ऑफ लॉ 66 फिर खिसक कर 75 पर आ गए इकोनामिक फ्रीडम इंटेक्स में 120 से चिपक कर कर 131 पर चले गए, पर्यावरण के मामलों में 40 मापदंड के आधार पर भारत की स्थिति 180 आखिरी पायदान पर है जबकि हमारे यहां पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए रोज जाने कितने साधु संत हवन करते नजर आते हैं। हैप्पीनेस इंडेक्स में 139 देशों के बीच के बीच हमारी स्थिति 136 पर है। हमारे बाद अफगानिस्तान आता है जहां पर तालिबानी शासन है। अब राष्ट्रभक्त खुद तय कर ले कि राहुल गांधी देश को लोकतंत्र को बचाने में लगे हैं या मोदी. . . . .।