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24hnbc एलआईसी और एसबीआई किसके इशारे पर डूबा रहे हैं करोड़ों
Saturday, 28 Jan 2023 00:00 am
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समाचार -
बिलासपुर, 28 जनवरी 2023। देश के दो बड़े सार्वजनिक वित्त संस्थान एलआईसी और एसबीआई किसके इशारे पर अडानी की सल्तनत को बचा रहे हैं अब यह छुपा नहीं है। जब हिंडरबर्ग के रिपोर्ट के कारण अडानी का साम्राज्य संकट में है ऐसे में उसे के एफपीओ को एलआईसी, एसबीआई लाइफ और पेंशन फंड ने ऑफर प्राइस पर खरीदा इससे आम व्यक्ति के धन को बड़ा नुकसान पहुंचा है। एलआईसी ने 915748 शेयर खरीद कर ₹508 प्रति शेयर का लाभ अदानी को कराया जबकि मार्केट में अदानी का ऑफ प्राइस इससे नीचे चल रहा है इस तरह 465199984 रुपए का घाटा एलआईसी ने खाया इसी तरह एसबीआई लाइफ ने अदानी के 381560 शेयर खरीदे और ₹193832480 का घाटा उठाया पेंशन फंड से 305248 शेयर खरीदे तथा 15 करोड़ 50 लाख 65 हजार 984 रुपए का नुकसान सहा भारतीय आम नागरिकों के रुपयों को डूबते जहाज पर एलआईसी, एसबीआई लाइफ और पेंशन फंड किसके इशारे पर लगा रहा है। 106 पढ़ने की रिपोर्ट के बावजूद एलआईसी ने किसके कहने पर 16 लाख 600 करोड़ रुपए डुबाया। अदानी समूह की बाजार पूंजी में एक ही दिन में 3.37 लाख करोड़ रुपए की गिरावट आई है और इसका खामियाजा एलआईसी को उठाना पड़ा क्योंकि अदानी ग्रुप की पांच बड़ी कंपनियों में एलआईसी सबसे बड़ा नान प्रमोटर निवेशक है । हिंडरबर्ग के अनुसार अडानी की कंपनियों में फर्जी तरीके से शेयर की वैल्यू आंकी गई है और इसे 85% तक ऊपर बताया गया है सीधा अर्थ है कि जिस दिन अडानी की शेयर असली मूल्य पर आएंगे वह ₹15 के बचेंगे। भारतीय वित्तीय संस्थानों को इसका सीधा नुकसान होगा क्योंकि उन्होंने इन्हीं शेयर को गिरवी रखकर अदानी को रुपए उपलब्ध कराएं अब आम आदमी सोचे कि जब कभी वित्तीय संस्थानों से उसे ऋण लेने की जरूरत पड़ती है तो बताओ बंधक बैंक ऋण देने के लिए अपने पास क्या रखता है या तो अचल संपत्ति अथवा गोल्ड या एफडी शेयर गिरवी रखकर क्या आम आदमी को ऋण मिल सकता है पर जब आप फर्जी तरीके से बहुत बड़े आदमी हो जाते हैं तो अपने ही शेयर रखकर आपकी कंपनी को लोन दे दी जाती है लगता है कि देश में वही पुराना जमाना फिर से आएगा जब बड़े आदमी के जूते भी कुर्सी पर रख कर पूज लिए जाएंगे । और भारतीय आम निवेशकों को दो कैरेक्टर हमेशा याद रखने चाहिए पहला हर्षद मेहता और दूसरा केतन देसाई एक तेजडीया दूसरा मनदडिया पर उस समय सत्ता के शीर्ष पर बैठे हुए का आशीर्वाद इन दोनों कोई नहीं था जो आज किसी को प्राप्त है ऐसे भारतीय अर्थव्यवस्था कैसे बचेगी यह बड़ा प्रश्न है।