शहडोल शहडोल की जर्जर सड़कों पर दौड़ते अनफिट वाहनों की वजह से यहां सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ा है। साल भ्ज्ञर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 2 से 3 प्रतिशत दुर्घटनाएं इन अनफिट वाहनों के कारण होती हैं। जो मानक तय किए गए हैं उन मानकों का खयाल नहीं रखा जाता है और सड़क पर अनफिट वाहनों को रफ्तार में दौड़ाया जाता है। इससे दुर्घटनाओं का डर हमेशा बना रहता है। कई बार देखने में आया है कि वाहनों की लाईट खराब होना दुर्घटना का कारण बन गई तो कभी वाहनों के ब्रेक और स्टीयरिंग फेल होने जैसी बात सामने आती है। जिनको इस सबकी निगरानी का जिम्मा मिला है वे कहीं न कहीं अपनी ड्यूटी का गंभीरता व ईमानदारी से पालन नहीं कर रहे हैं।जांच के नाम पर होती है खाना पूर्ति वाहनों क ी जांच के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की जाती है। जिला मुख्यालय में ही चौराहों से अनफिट वाहन निकलते रहते हैं। इनमें कई वाहन ओवरलोड होते हैं और इसक ी वजह से दुर्घटनाओं का अंदेशा ही नहंीं दुर्घटनाएं हो ही जाती हैं। हाईवे की बात करें तो यहां पर किसी तरह की चेकिंग अभियान नहीं चलाया जाता है। धनपुरी से बंगवार मार्ग और बुढ़ार से खैरहा मार्ग जर्जर होने के यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं और कोयला परिवहन में लगे अनफिट ट्रक से सड़क पर गिरने वाला कोयला भी यहां पर दुर्घटनाओं को आमंत्रण देता है। ट्रक के ऊपर तिरपाल लगाने की सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है। सीधे तौर पर यातायात व प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जाता है।