24hnbc ईडी से होशियार कांग्रेश कैसे हो गई अब सवाल तो जनता पूछ रही हैं
Tuesday, 26 Jul 2022 18:00 pm
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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। 8 साल 5 दिन 50 घंटे, 3 दिन 9 घंटे के बाद भी ईडी के हाथ खाली क्या भारत देश के दो नेता इतने होशियार हो गए कि देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी ईडी नेशनल हेराल्ड एजीएल मामले को समझ ही नहीं पा रही है अब तो जनता देश के शीर्ष नेतृत्व से तीन सवाल पूछ रही है। अपराध हुआ तो 8 साल में जांच क्यों नहीं हो पाई यदि अपराध प्रूव्ह है तो अभियुक्त जेल क्यों नहीं गए और तीसरा सप्ताह में बैठकर जिस तरह से संविधान को खोखला किया जा रहा है उसका खामियाजा देश क्यों उठाएं। टैक्सपेयर का पैसा बर्बाद करके कोई जांच एजेंसी किसी के व्यक्तिगत हितों को अपना मोटो कैसे बना सकता है। देश में इनकम टैक्स विभाग हर साल 30 लाख के आसपास नोटिस जारी करती है उन्हीं में से एक नोटिस वर्ष 2014 में जारी किया गया जिसमें 154 करोड़ के हिसाब किताब की बात कही गई और इसी इनकम टैक्स की नोटिस को ईडी ने स्वत संज्ञान लेते हुए अपने पास ले लिया और नेशनल हेराल्ड एजीएल के मामले की जांच शुरू हुई तभी तो कांग्रेसी कहते हैं की एफ आई आर क्यों नहीं हुई। ईडी गांधीओं से क्या पूछ रही है और गांधी क्या छुपा रहे हैं जो भी व्यक्ति देश में चुनाव लड़ता है चाहे वह चुनाव लोकसभा का हो या विधानसभा का उसे अपने हलफनामा में बताना होता है कि उसकी कितनी संपत्ति कहां-कहां और कितनी है। नेशनल हेराल्ड की जो संपत्तियां है वह सार्वजनिक है कोई भी व्यक्ति उसकी कीमत की जांच कर सकता है दस्तावेज आज झुकते नहीं यदि मनी ट्रेन हो रही है तो कहीं ना कहीं वह उजागर हो जाती है। जिस मामले को लेकर ईडी टैक्सपेयर का पैसा बर्बाद कर रही है और विपक्षी दल सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं उसे से साफ समझ में आता है कि यह पूरा एजेंडा दोनों के लिए राजनैतिक हो गया है हमने अपने एक लेख में ईडी के 5 कामों का उल्लेख किया है नेशनल हेराल्ड एजीएल में जांच इन पांचों के दायरे में नहीं आती किंतु की जा रही है। सोनिया गांधी की कुल संपत्ति 2019 के हलफनामे के अनुसार 11 कडोड़ 83 लाख 63 हजार 916 रुपए है । 2014 में 9 करोड़ 28 लाख, 2009 में 1 करोड़ से 37 लाख, 2004 में 85 लाख। देश में जिस तरह से जमीनों के दाम बढ़े हैं सोनिया गांधी की संपत्ति में बढ़ोतरी कोई आश्चर्य का विषय नहीं है इसी तरह राहुल गांधी अपनी मां से ज्यादा पैसा रखते हैं उनकी संपत्ति 15 करोड़ 85 लाख है, 2009 में 9.50 करोड़, असल में एडी ने जांच के दायरे की लक्ष्मण रेखा पार कर दी है किसके लिए की है यह स्वयं जाने किंतु अब जनता इस जांच में कोई रुचि नहीं रखती याद करें वो फोर्स मामला बीपी सिंह के भाषण दलालों का नाम जेब में रखता हूं चुनाव जीतते ही दिखाऊंगा और अंत में न्यायालय की टिप्पणी की बंद करें जांच का नौटंकी जीतने के दलाली का आरोप नहीं है उससे ज्यादा धन तो जांच में खर्च हो गया। नेशनल हेराल्ड एजीएल से ज्यादा जरूरी जांच तो राफेल की है क्योंकि यह रक्षा क्षेत्र से जुड़ी है और दूसरी जांच पेगासस जरूरी है क्योंकि यह देश के दर्जनों लोगों के निजी मामलों में सरकार की भेजा दखलअंदाजी है इसलिए ईडी अब नाटक बंद करें जितने करोड़ का नेशनल हेराल्ड मामला है उतने से ज्यादा करोड़ का घपला तो 2003 से 2017 के बीच छत्तीसगढ़ में हुआ निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने जितना पैसा कमाया है उसकी यदि जांच हो जाए तो कई 100 करोड़ों रुपए के मालिक मात्र 15 साल में छत्तीसगढ़ में बिखरे पड़े हैं और इनकी संख्या 22 से ज्यादा है जिसमें उस समय के मुख्यमंत्री से लेकर उनके तमाम कैबिनेट मंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के दलाल शामिल है।