बिलासपुर। समाज कल्याण संचनालय के बाबू स्वयं को नियमों से ऊपर मानते हैं। तभी तो विमल सिंह तदर्थ शिक्षक जो कि संचनालय में शिकायत प्रकोष्ठ मैं बाबू था। और जब उसे उसकी मूल पद स्थापना जिला पुनर्वास केंद्र बिलासपुर वापस भेजा गया तो उसने संचनालय में बिना किसी को पदभार दिए बिलासपुर में डीआरसी में जॉइनिंग दे दी।अनियमितता यहीं नहीं रुकी समय-समय पर उक्त बाबू संचनालय में जाकर फाइलें भी देखता रहा 12 नवंबर को संचालक ने बिलासपुर डीआरसी को पत्र जारी किया और संबंधित बाबू को नोटिस दिया 7 दिवस के अंदर तदर्थ शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया है । आश्चर्यजनक बात है कि संचनालय का बाबू जो वास्तव में बिलासपुर डीआरसी से संचनालय बुला लिया गया था । लंबे समय तक वहीं पर मजा करता रहा। और जब इस बात का पता उच्च अधिकारियों को लगा तब उसे वापस डीआरसी भेजा गया लंबे समय तक काम संचनालय का और वेतन डीआरसी से निकला असल में विमल सिंह समाज कल्याण विभाग में विशेष शिक्षक के रूप में तदर्थ नियुक्ति पाया था। और तभी से वह शैक्षणिक कार्यों से हटकर बाबू का काम करता है ऐसा माना जाता है कि एनजीओ की दलाली उसकी विशेषता है। संचनालय से तदर्थ शिक्षक को नोटिस के संबंध में जब आरती के अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने अपने लगातार मीटिंग में व्यस्त होने का हवाला दिया और नोटिस पर कमेंट करने से इनकार किया।