24hnbc पदभार ग्रहण करने के बाद एसईसीएल के सीएमडी अब हैं सक्रिय आंदोलनकारियों से की चर्चा
Wednesday, 02 Feb 2022 18:00 pm
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समाचार - कोरबा
कुसमुंडा (कोरबा)। पुराने अधिग्रहण पर पुरानी पुनर्वास नीति के आधार पर रोजगार की मांग कर रहे भूविस्थापित किसानों को कल नव नियुक्त सीएमडी प्रेमसागर मिश्रा ने बुलाकर बात की तथा उनकी समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन देते हुए उनसे आंदोलन खत्म करने का अनुरोध किया। लेकिन इस बातचीत के बाद भी बर्फ पिघली नहीं। आंदोलनकारी भूविस्थापितों ने साफ कहा कि पहले की तरफ इस बार वे आश्वासन पर ठगने के लिए तैयार नहीं है और रोजगार की समस्या का निराकरण होने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने सीएमडी को एक माह का समय दिया है और मार्च में फिर खदान बंदी की चेतावनी दी है।
गौरतलब कि कोयला खनन के लिए अधिग्रहित जमीन के बदले नियमित रोजगार देने की मांग को लेकर पिछले 96 दिनों से छत्तीसगढ़ किसान सभा के सहयोग से भूविस्थापित किसान रोजगार एकता संघ के बैनर पर आंदोलन कर रहे हैं। पिछले तीन माह में तीन बार खदान बंदी भी हो चुकी है और आंदोलनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। लगातार हो रही खदान बंदी से एसईसीएल का उत्पादन काफी प्रभावित हो रहा है और लक्ष्य से वह काफी पीछे चल रहा है। इसे देखते हुए कोल इंडिया ने पुराने सीएमडी पंडा को हटाकर नये सीएमडी मिश्रा को बिठा दिया है।
सीएमडी मिश्रा ने भूविस्थापितों के प्रतिनिधिमंडल को कुसमुंडा मुख्यालय में चर्चा के लिये बुलाया था। 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल में प्रशांत झा, दीपक साहू, राधेश्याम कश्यप, दामोदर श्याम, रेशम यादव, मोहनलाल आदि शामिल थे, जिन्होंने
भूविस्थापितों की समस्याओं को लेकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि एसईसीएल ने वर्ष 1978-2004 के बीच किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया है और अब उन्हें वर्ष 2012 की पुनर्वास नीति के आधार पर रोजगार देने की बात करना भूविस्थापित किसानों को धोखा देना है, क्योंकि इस नीति के तहत न किसी का पुनर्वास होगा और न किसी को रोजगार मिलेगा। भूविस्थापितों की जमीन का जिस समय अधिग्रहण किया गया था, उस समय की पुनर्वास नीति लागू होनी चाहिये। सीएमडी से वार्ता में उन्होंने आश्वासन पर आंदोलन खत्म करने की बात ठुकरा दी तथा कहा कि एसईसीएल प्रभावितों को नौकरी देने की प्रक्रिया पूरी करें अन्यथा मार्च में उसे फिर खदान बंदी का सामना करना पड़ेगा। विस्थापितों के पास अब संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है और प्रबंधन-प्रशासन के दमन के आगे वे झुकेंगे नहीं।
आंदोलनकारियों के अनुसार सीएमडी मिश्रा ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को काफी गंभीरता से सुना है और जल्द ही समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया है।