24hnbc 40 साल से हो रहा कोयला उत्खनन पर वायदे नहीं हुए पूरे
Thursday, 02 Dec 2021 18:00 pm
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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। कहने को तो एसईसीएल कोल इंडिया की नवरत्न कंपनी है किंतु इन दिनों परेशानी की दौर से गुजर रही है उदाहरण के लिए कुसमुंडा खदान जिसके लिए जमीन का अधिग्रहण 1978 में हुआ था अभी भी विस्थापितों को नौकरी का इंतजार है इतना ही नहीं सरायपाली में भी आज तारीख तक भू विस्थापितों को राहत नहीं मिल पाई है। 255 भू विस्थापितों को काम मिला 194 मामले लंबित हैं सभी को नौकरी भी नहीं मिलनी है जिन लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया गया उनमें से कुछ को लगान परिवहन में आरक्षण का लाभ दिया जाना है वह भी मांग पूरी नहीं हुई है। इन दिनों खदान के मुहाने पर आंदोलन इतना तेज होता जा रहा है कि कई बार भू विस्थापित खदान के अंदर उतर जाते हैं और कोयला उत्खनन प्रभावित करते हैं। एक ही दिन में एसईसीएल को ऐसे ही आंदोलन के कारण 50 करोड़ का नुकसान हुआ है जरहागेंद, बरपाली, दूर्पा, खमरिया, मनगांव, दुल्लापुर, बरहमपुर, गेवरा, मौसमा ऐसे क्षेत्र हैं जहां की जमीन कोयला खदान के लिए ली गई 40 वर्ष के बाद भी वादे पूरे नहीं हुए इस क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संगठनों, मजदूर यूनियन ने प्रभावितों के साथ आंदोलन करके कंपनी की नाक में दम कर रखा है। आंदोलनों का विस्तार भले ही अखबार के कागज पर दिखाई ना दे स्थानीय चैनल उसे कंवर ना करें पर आंदोलन खदान के मुहाने पर लगातार चल रहा है।