24hnbc महंगाई जो हुआ करती थी डायन अब है कंगना तभी तो बौरा गई है
Saturday, 13 Nov 2021 18:00 pm
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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर । देश के आर्थिक हालात की असलियत दीपावली पूजन के बाद देवताओं के उठने के पहले ही उजागर हो रही है। अक्टूबर माह में 54 लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं बेरोजगारी 45 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल के दामों में जो प्रतीकात्मक कमी की है उसकी असलियत से जनता वाकिफ है। आम आदमी समझ रहा है कि यह छूट कुछ ही दिनों की है और सरकार रोज आसानी से नागरिकों को लूटने वाला हथियार छोड़ेगी नहीं एक तरफ लोगों को रोजगार मिल नहीं रहा, दूसरी तरफ जिन्हें मिला है उनके काम छूट रहे हैं । देश वित्तीय संकट में फंस गया है और आर्थिकी डूब गई है। केंद्र सरकार के मंत्री भले ही दावा करें कि भारत ने चीन के ऐप और मोबाइल बंद क्या किए चीन की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है किंतु असलियत यह है कि भारत देश का चीन से कारोबार 100 अरब डॉलर से अधिक का हो गया है इस व्यापार को रुपयों में बदला जाए तो अंक लिखने में गलती हो सकती है। चीन का निर्यात भारत के मुकाबले 337 फ़ीसदी ज्यादा है और हम व्यापारिक और तकनीकी मामलों में चीन के मुकाबले कहीं खड़े नजर नहीं आते हैं। एनसीआरबी के आंकड़े में जहां किसानों की आत्महत्या की संख्या बढ़ रही है वहीं व्यापारियों ने भी बड़ी संख्या में आत्महत्या की है यदि बाजार उछाल की ओर है सब कुछ बढ़िया बढ़िया है तो व्यापारी आत्महत्या क्यों कर रहा है। किसान यदि खुश है न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़िया है किसानी पूरी तरीकों से इंश्योर्ड हो गई है तो किसान भाई रस्सी का फंदा क्यों डाल रहे हैं। सीधी सी बात है कि 2014 की महंगाई जो डायन नजर आती थी, अब अंधभक्तों को कंगना के समान दिखाई दे रही हैं और इसीलिए कंगना बौरा गई है तभी तो देश की स्वतंत्रता का सन बदल कर 2014 हो गया और सरकार है कि स्वतंत्रता का अमृत महाउत्सव मना रही है बिचारों को यही नहीं मालूम कि अभी तो देश को स्वतंत्र हुए मात्र 7 साल हुए हैं ।