बिलासपुर। समाज कल्याण विभाग के तीन कार्यालय बिलासपुर में कार्य करते है। एक सयुक्त संचालक का कार्यालय दुसरा विशेष के लिए स्कूल और ब्रेल प्रेस, तीसरा जिला पुर्नवास डीआरसी इनमें से दृष्टि एवं श्रवण बाधित छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल संचालित होता है और इसमें इस विधा से पढ़ाने वाले विशेष शिक्षक होते है। 18-20 साल पूर्व इसी में से एक शिक्षक जिसका नाम विमल सिंह है, को तदर्थ नियुक्ति प्राप्त हुई। किन्तु उसने अपने इतने साल की सरकारी नौकरी में कभी भी कक्षाओं को नही पढ़ाया। बिलासपुर डीआरसी में जब इसके नियुक्ति हुई तो यह महानुभाव ने अपनी प्रतिनियुक्ति संचालनालय करा ली। किन्तु वेतन यही से निकलता रहा। रायपुर में एनजीओ की दलाली और काम में शामिल ना होने वालों की शिकायत इस कर्मचारी की विशेषता रही। कहने वाले तो यहां तक बताते है कि रायपुर में जेल रोड के सामने एक काॅलोनी में इसने अपने इसी कार्य के लिए एक फलैट किराए पर लिया था। जब शिकायते ज्यादा हो गई तो कर्मचारी को उसके उसी स्थान पर वापस भेजा गया जहां से प्रतिनियुक्ति दी गई थी। किन्तु आज तारीख ता उच्च पद पर बैठे अधिकारियों को यह पता ही नही की असल में विमल सिंह शिक्षक है, और विशेष बच्चों को पढ़ाने का ही वेतन उसे मिलता है।