बिलासपुर। 26 अप्रैल को एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने जो आंकड़े उपलब्ध करवाएं उससे यह पता चलता है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति सरकारी और निजी क्षेत्र में दोनों को मिलाकर भी संतोषजनक नहीं है। राज्य की जनसंख्या लगभग 2 करोड़ 75 लाख के करीब है इसकी तुलना में पूरे राज्य में अस्पतालों में बेड की संख्या केवल 27195 हैं। पाठक खुद ही हिसाब लगा लें 2 करोड़ 75 लाख की जनसंख्या वाले राज्य में केवल 27195 बेड चिकित्सा क्षेत्र में उपलब्ध है। इनमें से मात्र 8659 पर ऑक्सीजन सपोर्ट उपलब्ध है, राज्य की जनसंख्या को बार-बार याद रखें बिलासपुर जिले की जनसंख्या 26 लाख 63 हजार है और बिलासपुर में ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या मात्र 368 है साथ ही जिले में 115 बिस्तर वेंटिलेटर वाले हैं आप फिर से याद करें कि बिलासपुर की जनसंख्या 26 लाख 63 हजार है और अस्पतालों में बेड की संख्या जिन पर ऑक्सीजन उपलब्ध है मात्र 368 है जबकि शहर में हर कॉलोनी में गली मोहल्ले में हाईवे पर बड़े से बड़े मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों का बोर्ड नजर आता है इनमें से कुछ अस्पताल तो ऐसे हैं जिन्हें कोविड-19 संक्रमण ने लाइसेंस दिला दिया। हाल ही में छत्तीसगढ़ की सरकार ने खूबचंद बघेल योजना के अंतर्गत कोविड-19 के इलाज को फ्री कर दिया है इस योजना का भी हिसाब किताब समझें बीपीएल कार्ड होने पर इलाज 5 लाख तक का हो सकता है और सामान्य कार्ड होने पर यही इलाज 50 हजार की सीमा में होता है जिसका सीधा अर्थ यह है कि खूबचंद योजना के अंतर्गत जो व्यक्ति कोविड-19 संक्रमित होकर अस्पताल जाएगा उसकी इलाज की सीमा मात्र 50 हजार है साथ ही जिस रेडमीसिविर इंजेक्शन को कोरोनावायरस आवश्यक माना जा रहा है वह दवाई इस योजना में शामिल नहीं है जिसका सीधा अर्थ है यदि बीमार को यह इंजेक्शन लगेगा तो उसका पैसा मरीज के जेब खर्च में जाएगा बिलासपुर में इन दिनो निजी क्षेत्र के अस्पतालों में बिलिंग की किल्लत रोज हो रही है। बैंक बंद है जिनके पास रुपए है अभी तो इतनी बड़ी धनराशि एटीएम से तो नहीं निकलती साथ ही मूल प्रश्न यह है कि जिला प्रशासन ने कोरोना का हाल में ही आदेश निकाल कर यह बताया है कि साधारण बेड, ऑक्सीजन युक्त बेड, वेंटिलेटर, आईसीयू के रेट अधिकतम कितने लिए जा सकते हैं पर जिला प्रशासन का यह आदेश केवल आदेश ही हैं आयुष्मान कार्ड वाला अस्पताल हो या अन्य जहां पर 20% बेड कोरोनावायरस के लिए आरक्षित हैं दोनों में जिला प्रशासन के रेट लिस्ट को प्रदर्शित ही नहीं किया जाता अस्पतालों का जो रेट लिस्ट बिलिंग सेक्टर के बाहर उपलब्ध है उसी से पता चलता है कि वेंटिलेटर वाला बेड 14 हजार से ऊपर है, ऑक्सीजन वाला बेड 10 से 15 हजार के बीच है बिलासपुर में निजी अस्पतालों की सकारात्मक कहानियां ढूंढने पर ही मिलेगी किंतु बिल में लूट और धांधली हर अस्पताल के बाहर सुनाई दे रही है कुछ अस्पतालों में तो एक ही रात में पेशेंट का बिल दो लाख की सीमा पार कर जाता है ऐसे में मरीज स्वस्थ हो भी जाता है तो वह आर्थिक रूप से इतना बड़ा दंड भोग कर निकलता है कि उसे अन्य कोई सदस्य बीमार होने पर दुबारा अस्पताल आने की हिम्मत नहीं हो सकती जबकि एक-एक परिवार का 2 से लेकर 5 सदस्य तक अस्पताल में भर्ती हो रहा है। प्रदेश की जनसंख्या को देखते हुए उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाएं बहुत कमजोर नजर आती है।