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भूषण स्टील अब J S W का
Sunday, 07 Mar 2021 18:00 pm
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24HNBC  करीब साढ़े तीन साल से अटके भूषण पावर एंड स्टील की दिवालिया प्रक्रिया के समाधान का रास्ता साफ हो गया है। दिवालिया हो चुकी स्टील कंपनी के बहुलांश ऋणदाताओं ने जेएसडब्ल्यू स्टील के प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया है। सूत्रों के अनुसार, '97 फीसदी ऋणदाताओं ने सौदे के प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया है। इस प्रक्रिया को 31 मार्च तक पूरा करने का प्रयास है।' हालांकि अगर उच्चतम न्यायालय से इस मामले में प्रतिकूल निर्णय आता है तो भुगतान की गई रकम लौटा दी जाएगी। साल 2020 में उच्चतम न्यायालय ने अपीलीय न्यायाधीकरण एनसीएलएटी के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया था, जिसमें जेएसडब्ल्यू स्टील को 19,700 करोड़ रुपये में भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड का अधिग्रहण करने की अनुमति दी गई और उसे प्रवर्तन निदेशालय के मुकदमे से छूट भी दे दी गई। हालांकि, प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने इस बिक्री पर रोक लगाने से इनकार किया था। 2019 में मिली थी अधिग्रहण के लिए मंजूरी 
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने पांच सितंबर 2019 को भूषण पावर एंड स्टील के अधिग्रहण के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील की 19,700 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दी थी। हालांकि, जेएसडब्ल्यू ने बीपीएसएल के पूर्व प्रवर्तकों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच से बचने के लिए एनसीएलएटी का दरवाजा खटखटाया था। अपीलीय न्यायाधिकरण ने 14 अक्तूबर 2019 को ईडी को बीपीएसएल की जब्त संपत्ति को समाधान पेशेवर के पक्ष में जारी करने का निर्देश दिया।भूषण स्टील से संबंधित 23 आरोपियों को मिली थी जमानत
सितंबर 2020 में दिल्ली की एक विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी भूषण पावर एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड (बीपीएसएल) के पूर्व निदेशक, कंपनी सचिव, और सीएफओ सहित अन्य लोगों को जमानत दे दी थी। यह मामला कथित बैंक कर्ज धोखाधड़ी से जुड़ा है। कोर्ट ने इस मामले के 23 आरोपियों को जमानत दी थी। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने जमानत मंजूर करते हुए कहा कि कोई भी आरोपी अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाएगा और किसी भी गवाह को प्रभावित करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेगा।