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पड़ोसी धर्म निभाया केंद्रीय विश्वविद्यालय ने

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बिलासपुर, 5 अगस्त 2024। 
एक पेड़ मां के नाम मुख्य अतिथि श्रीमती कौशल्या विष्णु देव साय जी केंद्रीय विश्वविद्यालय में 5 अगस्त को पधारी और विकसित भारत अभियान 1947 - 2047 के तहत वृक्षारोपण किया। ऐसा लगता है की मुख्य अतिथि केवल एक कार्यक्रम के लिए अटल विश्वविद्यालय तक नहीं आ सकते। अत: केंद्रीय विश्वविद्यालय में पड़ोसी धर्म निभाते हुए यहां भी कार्यक्रम रख लिया। जो काम पहले बगैर किसी हो हल्ला के होता था। और विश्वविद्यालय में वृक्षारोपण करा लिया जाता था। अब उसके लिए एक बड़ा होर्डिंग कम से कम पांच अतिथि और विकसित भारत का संकल्प जरूरी हो गया है। कार्यक्रम के अध्यक्ष तो सुने थे पर अब विश्वविद्यालय के कुलपति को कार्यक्रमों का मुख्य संरक्षक भी बनना पड़ता है। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय में साधारण पद नाम नहीं होता व्यक्ति को देखकर उसे ऊंचा दर्जा दिया जाता है। इस कार्यक्रम में दीदी मां प्रज्ञा भारती को साधारण अतिथि नहीं बनाया गया उन्हें सारस्वत अतिथि का दर्जा दिया गया। इस श्रेणी का अतिथि क्यों और कैसे बनाया जाता है की जानकारी लेने हम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी कक्षा में गए थे। पर वहां ताला था इसलिए हम अपना ज्ञानवर्धक नहीं कर सके।
सारस्वत अतिथि अर्थात सरस्वती का साधक हमें लगता है कि शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत हर शिक्षक सरस्वती का साधक है। ऐसे में अतिथि का यह विशिष्ट वर्गीकरण केवल ज्ञान का अर्जिण है। पर इस चक्कर में केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति ने अटल विश्वविद्यालय के कुलपति को पछाड़ दिया क्योंकि अटल विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में प्रज्ञा भारती को सारस्वत अतिथि का दर्जा नहीं मिला।