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कोयला अधिकारियों दलालों के सामने सहकारिता विभाग का आदेश है प्रभाव शून्य

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर, 13 सितंबर 2022। 2021 में सहकारिता विभाग के डीआर ने छत्तीसगढ़ के सबसे बड़ी गृह निर्माण सहकारी समिति जिसका नाम कोयला कर्मचारी गृह निर्माण एवं कल्याण सहकारी समिति मर्यादित बिलासपुर है को आर्थिक अनियमितताओं एवं अन्य नियमों का उल्लंघन का दोषी पाते हुए ना केवल बंद कर दिया साथ ही कमेटी पर परीसमापन अधिकारी भी बैठाल दिया। जिस तिवारी नाम के सहकारी निरीक्षक को परिसमापक अधिकारी बनाया गया उनका ट्रेक रिकॉर्ड भ्रष्टाचार के आरोपों से भरा पड़ा है। जानकार बताते हैं कि इन्हीं दिनों श्री तिवारी को सरकारी कर्मचारी समिति मोपका का भी परीसमापक अधिकारी बनाया गया था, यहां पर काम करते उन्होंने कई दर्जन ऐसे प्लाट की बिक्री करा दी जो केवल कागज पर थे सूत्र बताते हैं कि उन दिनों मोपका क्षेत्र के कई दलाल सहकारिता विभाग बिलासपुर में मंडराते देखे जाते थे। ₹110 प्रति वर्ग फुट के हिसाब से कागजों की खरीदी बिक्री हुई और समिति के दोबारा जिंदा होने के पूर्व इन्हीं जमीनों को मौके पर फिट कर के नए ग्राहक को 700 से ₹800 प्रति वर्ग फुट में बेच दिया गया। इस खेल के चलते तिवारी जी का रिटायरमेंट प्लान सुपर प्लेटिनम वाला था। इसी बीच कहा जाता है कि लगरा सहकारी समिति से सौदेबाजी भी हो गई जब तक मैं हूं चार्ज लेने नहीं आऊंगा। सेवानिवृत्ति के 1 माह पूर्व परिसमापक अधिकारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारी को सेवानिवृत्ति दिनांक नजदीक आने के कारण कोई भी नया काम नहीं ले पाने को आधार बनाते हुए आदेश को संशोधित करा लिया। इस तरह मोपका सहकारी समिति से हाल मार्क वाला प्लान कैश कराया और लगरा सहकारी समिति से बोनस टॉपअप कराया। इसे कहते हैं दोनों हाथ में लड्डू, सिर कढ़ाई में और 31 तारीख को विदाई पार्टी, संशोधित आदेश में जानबूझकर एक महिला सहकारी निरीक्षक को परीसमापक अधिकारी का उत्तरदायित्व दिया गया जिसके पीछे भी यही रणनीति रही कि महिला अधिकारी चार्ज लेने जाएगी नहीं जाएगी भी तो कितनी बार और क्षेत्र के भूमि दलाल अपना धंधा आराम से करेंगे इस तरह देखा जाए तो डीआर या जेआर द्वारा करोड़ों की पूंजी वाली सहकारी समिति पर परीसमापक अधिकारी का आदेश औचित्यहीन होता जा रहा है। अगला किस्त में हम इस बात पर प्रकाश डालेंगे की विभाग के इस सेनानिर्वित सहकारी निरीक्षक के कारण कैसे दर्जनों लोग 2 साल से अपने वाजिब भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे हैं।