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श्रम प्रतीक्षालय में श्रमिकों को छोड़ अन्य सभी काम संभव, डेटिंग के लिए सर्वाधिक सुरक्षित जगह के रूप में बनाई पहचान

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर, 5 सितंबर 2022 । छत्तीसगढ़ शासन श्रम विभाग बिलासपुर के अंतर्गत शहीद वीर नारायण सिंह अन्न सहायता केंद्र श्रमिक प्रतीक्षालय बृहस्पति बाजार संचालित है इस परिसर का मुख्य हिस्सा केंद्र शासन की योजना के अंतर्गत बनाया गया था निर्माण एजेंसी नगर पालिक निगम बिलासपुर थी। भवन के सामने एनटीपीसी सीपत सीएसआर मद से एक बड़ा टीन सेट खड़ा किया गया यहीं से गड़बड़ियां प्रारंभ हो गई 1 साथ एक से ज्यादा योजना यहां संचालित हैं और इन दिनों भवन के अंदर आसपास के समोसा आलू गुंडा विक्रेताओं का कब्जा है जिन भवनों में श्रमिक प्रतीक्षालय संचालित होना था वहां पर समोसा, आलू गुंडे के खेलें कैसे पहुंच गए यह तो जांच का विषय है इतना ही नहीं इस परिसर में विभाग की एक गाड़ी खड़ी है और 2 कार इस विभाग से रिटायर्ड हो चुके अधिकारियों की खड़ी है। जानकारी लेने पर पता चला कि कार के मालिक का मकान और आवास विद्यानगर में है रिटायर हो जाने के बाद भी इस अधिकारी का श्रम विभाग से प्रेम समाप्त नहीं होता है कुछ तो इसे विभाग से प्रेम नहीं दलाली बोलते हैं अन्यथा साहब को क्या पड़ी है कि उनकी कार घर की शोभा के जगह श्रम प्रतीक्षालय में शोभायमान है। अंदर एक कमरे में सैकड़ों की संख्या में श्रमिकों को बांटे जाने वाले कीट रखे हैं । यह भी बताया गया कि श्रमिकों की जीवन रक्षा के लिए एक हेलमेट, एक जूता, एक दस्ताना के साथ कुछ और भी सामान हैं और इन सभी कीट का वितरण कभी ना कभी किसी ना किसी मंत्री या गणमान्य अतिथि के द्वारा श्रमिकों को किया जा चुका है। ऐसा लगता है कि कित वितरण के बाद श्रमिक से कि दुबारा ले लिए ली जाती है। और बार-बार कभी मंत्री का बर्थडे कभी मई दिवस कभी 15 अगस्त, 26 जनवरी या अन्य आयोजनों पर श्रमिकों को यह कीट बार-बार दे दी जाती है। कमरे के अंदर बड़ी मात्रा में तेल के कंटेनर रखे हैं निश्चित ही यह तेल का कंटेनर आलू गुंडा समोसा निर्माताओं के हैं। हमारे सामने रविवार को सुबह 8:30 बजे आलू गुंडा समोसे का ठेला अपने व्यवसाय के लिए तैयार हो ही रहा था कमरे में समोसे का बना मसाला दिखाई दे रहा था। कुल मिलाकर करोड़ों रुपए सरकारी खजाने से लेने के बाद श्रम प्रतीक्षालय तैयार हुआ और अभी भी श्रमिक बृहस्पति बाजार के चौराहे पर यातायात में बाधक बने हुए रोज खड़े दिखाई देते हैं जबकि श्रम प्रतीक्षालय में अन्य लोगों ने अपनी सुविधा अनुसार अलग-अलग काम कर लिया है। कुछ लोगों का तो कहना है कि श्रमिक प्रतीक्षालय कुछ लोगों के लिए डेटिंग की सुरक्षित जगह भी बन गया है।