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पूर्व सरपंच नीरज राय को कौन बचा रहा है, क्यों नहीं होती वसूली

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। महमंद की महिला सरपंच ने किया 21 लाख 50 हजार का फर्जीवाड़ा ग्राम पंचायत महमंद में लगभग 18 लाख का घोटाला जैसे समाचार इन दिनों बार-बार प्रकाशित हो रहे हैं। सच्चाई यह है कि महमंद पंचायत का पूरा घोटाला पिछले सरपंच कार्यकाल का है और उसे सरपंच का नाम नीरज राय था। उस समय गया टंडन सरपंच सचिव था। तब 13वें वित्त के, मूलभूत और डीएमएफ से मिली राशि में जमकर गड़बड़ी हुई। सीईओ जनपद एसडीएम बिल्हा से होते हुए शिकायत जिला कलेक्टर बिलासपुर एवं जिला पंचायत सीईओ तक गई शिकायतों की श्रृंखला राजधानी तक पहुंची अंत में अवर सचिव के हस्ताक्षर से एक जांच आदेश तत्कालीन बिलासपुर कलेक्टर डॉक्टर संजय अलंग के पास आया जिसकी प्रतिलिपि शिकायतकर्ता को भी भेजी गई शिकायतकर्ता ने पुनः ज्ञापन के माध्यम से तत्कालीन कलेक्टर से संपर्क किया और व्यवस्था अनुसार कलेक्टर ने उक्त संबंध में जिला पंचायत सीईओ जहां से जांच का आदेश संयुक्त संचालक पंचायत के पास गया इसी बीच पंचायत चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। हिसाब किताब जमा करने के पूर्व बताया जाता है कि उस समय के सरपंच ने एक मोटी धनराशि के दो चेक फाड़ कर फेस चेक बुक जमा करवा दिए बाद में जब ऑडिट हुआ तब ऑडिट प्रतिवेदन में भी इस वित्तीय अनियमितता का टीप आया है। चुनाव में सरपंच पद आरक्षित हो गया लिहाजा उस समय के सरपंच नीरज राय को पंच का चुनाव लड़ना पड़ा उसमें भी वह बुरी तरह हार गया। बताया जाता है कि सरपंच पद का चार्ज लेने के वक्त भी महिला सरपंच को खाते में नील प्राप्त हुआ। इतना ही नहीं खाता वही भी प्राप्त नहीं हुआ। पुराने सरपंच सचिव गया टंडन को हटाया गया नई पंचायत में बार-बार आडिट टीम भेजकर पुराने दस्तावेज की मांग की गई जो वहां है ही नहीं पुरानी वित्तीय अनियमितता पर रिकवरी की कोई कार्यवाही नहीं हुई इससे ऐसा लगता है कि पूर्व सरपंच नीरज राय को कोई बचाना चाहता है राजनीतिक पृष्ठभूमि के हिसाब से पूर्व सरपंच महमंद कांग्रेस पृष्ठभूमि के नहीं हैं किंतु उन्हें कांग्रेसी मित्रों का संरक्षण बताया जाता है । पूर्व सरपंच नीरज राय पर महमंद पंचायत में अवैध प्लाटिंग मरघट से जबरदस्ती रास्ता निकालना की शिकायत भी थी। शिकायतकर्ता ने पहले यह शिकायत बिलासपुर एसडीएम के पास की थी बार-बार के मीडिया कवरेज से परेशान होकर इसे बिल्हा स्थानांतरित कर दिया गया अचानक मामला नस्तीबध हो गया सरपंच के खिलाफ जिन्होंने शिकायत की थी उन्हें भी शहर कांग्रेस के एक कैंप में खूब आते जाते देखा गया प्रश्न ययही उठता है कि पूर्व सरपंच के ऊपर लाखों रुपए की देनदारी शेष है और उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है नया वित्तीय घोटाला को प्रमुखता से उछाला जा रहा है।