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सही प्रत्याशी चयन से कांग्रेस की झोली में जा सकती है, बेलतरा
- By 24hnbc --
- Saturday, 03 Jun, 2023
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समाचार -
बिलासपुर, 4 जून 2023। जैसे-जैसे छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है राजनीति में रुचि रखने वाले चाहे वह सत्ताधारी दल का हो विपक्ष का हो या अन्य किसी राजनीतिक दल का की गतिविधियां अब चुनाव केंद्रित होती जा रही है। कारण साफ है जिन्हें चुनाव लड़ना है जिन्हें नहीं लड़ना है दोनों के लिए चुनाव किसी कुंभ मेले से कम नहीं होता।
बिलासपुर जिले की सबसे अबूझ विधानसभा सीट बेलतरा मानी जाती है। कारण अर्ध शहरी माहौल होने के कारण यहां चुनाव को प्रभावित करने वाले मुद्दे बिलासपुर विधानसभा में ज्यादा होते हैं। इस सीट का जन्म छत्तीसगढ़ विधानसभा से ही हुआ यहां पहला चुनाव 2003 में लड़ा गया आंकड़ों को देखकर पता चलता है कांग्रेस के रमेश कौशिक को 20800 मात्र वोट मिले और जीतने वाले प्रत्याशी बद्री धर दीवान को 21000 आप कल्पना कर सकते हैं कि कांग्रेस भाजपा के बीच सीधी टक्कर के बावजूद बसपा की भूमिका ने कांग्रेस को हरा दी। 2003 के चुनाव में भाजपा ने ना केवल बेलतरा सीट जीती साथ ही में छत्तीसगढ़ में सरकार भी बनाई। 2008 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से भुवनेश यादव को अपना प्रत्याशी बनाया प्रत्याशी की मेहनत कांग्रेस का वोट बैंक बडकर 33000 पर पहुंचा, पर भाजपा के प्रत्याशी ने फिर से जीत हासिल की और इस बार भाजपा को 38000 वोट प्राप्त हुआ। जीत हार का कारण कांग्रेस के रूठे हुए नेता बने 2013 में कांग्रेस फिर से अपना वोट बैंक बढ़ाया प्रत्याशी पर दोबारा भरोसा किया और उसे 49000 वोट मिला भाजपा पार्टी के प्रत्याशी बद्री धर दीवान को 54000 वोट प्राप्त हुआ इस बार कांग्रेस की हार का कारण त्रिलोक श्रीवास था जो साइकिल पर चढ़कर 8000 वोट प्राप्त किया। इस चुनाव में कांग्रेस 5000 वोट से हारी तीनों चुनाव में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने प्रत्याशी बदला और इस बार उनके लोकप्रिय नाम डब्बू साहू को प्रत्याशी बनाया उन्हें 41000 वोट से संतोष करना पड़ा ध्यान रखें 2013 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को 49000 वोट मिला था इस तरह कांग्रेस प्रत्याशी का बोर्ड कट गया इस बार भाजपा के जीतने वाले कैंडिडेट रजनीश सिंह को 47000 वोट मिले हार जीत का कारण जेसीसी के प्रत्याशी अनिल टाह बने उन्हें 39000 वोट मिला। 2018 के चुनाव में सबसे बड़ा जो अंतर आया छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हुआ इसलिए इस बार बेल्थरा सीट बेहद महत्वपूर्ण है।
शायद यही कारण है कि कांग्रेस का हर नेता भूपेश बघेल का नारा लगाकर बेलतरा विधानसभा चुनाव की टिकट लाना चाहता है।
पहले भी बेलतरा चुनाव लड़ने वालों की कमी कांग्रेस में नहीं थी सो इस बार भी नहीं है, पर इस बार चुनाव लड़ने के इच्छुक भाजपा में भी बहुत हैं खासकर इसलिए कि प्रत्याशी बदलकर चुनाव लड़ना और सरकार बनाना भाजपा की नीति हो गई है। इसी कारण भाजपा के कई चेहरों को लगता है कि रजनीश सिंह बदला जा सकता है, प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा अगली किसी किस्त में अगली किस्त बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मुद्दों पर क्योंकि इस विधानसभा सीट का बड़ा हिस्सा नगर पालिक निगम बिलासपुर के अंतर्गत आता है।