No icon

24hnbc

बिलासपुर, बेलतरा की राजनीति कांग्रेस भाजपा के लिए नहीं आसान

24hnbc.com
समाचार -
बिलासपुर, 16 मार्च 2023 । बिलासपुर जिले के अंतर्गत 2 विधानसभा सीट विशेष उल्लेखनीय है। पहला बिलासपुर क्षेत्र क्रमांक 30 और दूसरा बेलतरा क्षेत्र क्रमांक 31, वर्ष 2018 के चुनाव में बिलासपुर से कांग्रेस के प्रत्याशी शैलेश पांडे ने भारतीय जनता पार्टी के तिलिस्म को तोड़ा, पर यही बात बेलतरा में नहीं हो पाई। आज हम दोनों विधानसभा क्षेत्रों की बात एक साथ करेंगे। वर्ष 2013 के चुनाव में बेलतरा से हार जीत का अंतर 6000 प्लस बोर्ड पर सिमट गया था। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को 49000 से अधिक वोट मिले कांग्रेस के उम्मीदवार को 43000 प्लस वोट मिले और जेसीसी के कैंडिडेट को 38000 प्लस वोट मिले। 2018 की मत तालिका को देखकर पता चलता है कि इस विधानसभा में हार जीत के समीकरण को जेसीसी के प्रत्याशी से ज्यादा निर्दलीय प्रत्याशियों ने प्रभावित किया। ऐसे प्रत्याशियों ने किया जिनकी हैसियत निर्दलीय की कुल 12 निर्दलीय थे और उन्होंने कुल 16000 वोट अपने खाते में डाले, इसका यह अर्थ है कि इन 12 लोगों को जिस भी राजनीतिक दल ने प्रायोजित रूप से मैदान में उतारा उसने बाजी जीती। इस बार के चुनाव में सर्वाधिक वोट खींचने वाले जेसीबी 38000 की भूमिका नहीं दिखाई देगी, अब तक के राजनीतिक परिदृश्य से साफ है कि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस नाम की मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल का अब कोई दमखम नहीं बचा। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद इस पार्टी में जैसा बिखरा हुआ वह अचंभे में डालता है । अब तो अस्तित्व का संकट है। बिलासपुर विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट को 67000 प्लस वोट मिला। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को 56000 प्लस वोट मिले किंतु यहां पर जेसीसी प्रत्याशी को सिर्फ 3000 से ज्यादा वोट प्राप्त हुआ है। इस तरह जब पड़ोसी विधानसभा में जेसीसी का प्रत्याशी 38000 से ज्यादा वोट पा रहा है तब बिलासपुर में सिर्फ 3000 वोट मायने रखता है। कांग्रेस को 51% वोट भारतीय जनता पार्टी को 42% वोट और फिर से जेसीसी को मात्र 3% लेकिन बिलासपुर विधानसभा से कुल निर्दलीय उम्मीदवार की संख्या 25 थी इतनी बड़ी संख्या में किस्मत आजमाने के बावजूद इन्होंने केवल 5000 वोट तक नहीं पहुंच पाए जिससे यह पता चलता है कि उन प्रत्याशियों को तो वोट कटवा भी नहीं कहा जा सकता क्योंकि बिलासपुर विधानसभा में कांग्रेस का प्रत्याशी 11000 वोट से अधिक मतों से जीता ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवार बिलासपुर विधानसभा में मायने नहीं रखते। 2018 के पूर्व के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को 52% वोट मिला है जबकि इनके विरोधी प्रत्याशी कांग्रेस को एक बार 43% और उसके पूर्व 44% वोट मिला। 2018 के चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ कि कांग्रेस के प्रत्याशी को 51% वोट मिला और भाजपा के प्रत्याशी को 42% वोट मिला। बिलासपुर वर्ष 2018 के चुनाव में सर्वाधिक बेज्जती आप पार्टी की हुई उसके प्रत्याशी को मात्र 813 वोट मिले, इस तरह उसकी जमानत जप्त हुई अब इसे सिलसिले से भी समझें। वर्ष 2003 के बाद से कांग्रेस का आधार वोट 17000 के लगभग रहा और प्रत्याशी के अनुसार उसके वोट बैंक में बढ़ोतरी या घटना अलग-अलग हुई जब कभी कांग्रेस की ओर से अनिल टाह को मौका मिला उनका वोट प्रतिशत 42 पर आकर अटक गया। वाणी राव को एक बार मौका मिला और उन्हें 43% वोट मिला। दोनों बार कांग्रेस की हार हुई। वर्ष 2018 में कांग्रेस का चेहरा बदला गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी ने भाजपा के कद्दावर नेता को 11000 प्लस वोट से हराया। निर्दलीय सहित शेष की जमानत जप्त हो गई। इस बार 2023 में विधानसभा चुनाव होंगे और बिलासपुर शहर सहित बेलतरा में रुचि रखने वाले नेताओं के बैनर पोस्टर पिछले 1 साल से दिखाई देने लगे हैं बेलतरा में कांग्रेस को नए उम्मीदवार की तलाश बताई जाती है। चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी और जेसीसी के प्रत्याशी राजनीतिक परिदृश्य से गायब हैं। जेसीसी का प्रत्याशी तो कांग्रेस में शामिल हो चुका पर मुख्यमंत्री परिक्रमा के अतिरिक्त उनकी कोई राजनीतिक गतिविधि दिखाई नहीं देती। कांग्रेस से टिकट चाहने वालों की लंबी सूची है जिसमें शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र दोनों के नेता शामिल हैं कुछ जानकार तो बिलासपुर महापौर को भी बेलतरा का दावेदार बताते हैं इसके पहले महापौर के भाई को दो बार मौका मिला है। ऐसे में एक ही परिवार से बार-बार प्रत्याशी घोषित होना जनता से दूर जाने के समान है। बिलासपुर में पर्यटन के अध्यक्ष भी लोकसभा चुनाव बुरी तरह हारने के बाद भी विधानसभा चुनाव में रूचि रखते हैं। इसके अतिरिक्त कोनी क्षेत्र के एक नेता जो पूर्व में साइकिल पर सवार होकर बेलतरा में उतरे थे, इस बार भी बड़े दमखम के साथ टिकट मांग रहे हैं हालाकी राजनीति के जानकार कहते हैं कि वे चुनाव जीतने की अपेक्षा दूसरों का खेल खराब करने में ज्यादा रुचि रखते हैं और इस टप्पे के कारण उन्हें हाईकमान गंभीरता से नहीं लेता। पिछले 7 माह से छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री के सलाहकार ने भी बेलतरा में अपनी गतिविधियां बढ़ाई हैं कहने वाले उन्हें भी प्रत्याशी मानते हैं पर राजनीति के असल जानकार बताते हैं कि उनका चेहरा इसलिए आगे रखा जा रहा है कि पर्यटन पर ज्यादा विवाद न हो। और अंतिम समय में सलाहकार महोदय पीछे हट जाएंगे पर राजनीति में सब कुछ इतना आसान नहीं है किसे कब चुनाव की तलब गंभीरता से लग जाए तो तमाम दोस्ती और ग्रुप रखा रह जाता है। बिलासपुर में प्रत्याशी चयन भाजपा को करना है भारतीय जनता पार्टी को यह समस्या 1998 के बाद कभी नहीं आई। मध्यप्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री के बेटे चुनाव जीतने के बाद भाजपा को कभी भी बिलासपुर से प्रत्याशी कौन होगा इसका खोज ही नहीं करना पड़ा लगातार 4 जीत के बाद शर्मनाक हार के बावजूद भाजपा में 4 साल में कोई विकल्प तैयार नहीं हुआ। इसे छत्तीसगढ़ में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के साथ छत्तीसगढ़ प्रभारी की नैतिक हार कहा जा सकता है या फिर के सामने दंडवत. .... इस बार भी भारतीय जनता पार्टी में कोई हलचल प्रत्याशी बनने को लेकर दिखाई नहीं देता, कुछ कथित बुद्धिजीवी अपने मातृ संगठन की ओर उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं कि प्रमुख का इशारा हो जाता तो पार्टी का चुनाव चिन्ह हमें मिल जाता। कुछ ने तो मात्र संगठन के भवन के लिए इस उम्मीद से ही बड़ा चंदा भी दिया बताते हैं। 
पिछले 16 महीने से दो राजनैतिक दल के चेहरे बिलासपुर में पोस्टर वार छेड़े हुए हैं। शाम के समय विभिन्न राष्ट्रीय स्थानीय मुद्दों को लेकर कैंडल मार्च भी आयोजित करते हैं। शहर में होने वाले अधिकतर धरना प्रदर्शन को समर्थन भी देने जाते हैं इसमें से एक प्रत्याशी अब सर्वदलीय समान हो रहा है। कहते हैं कि आर्थिक मामला अच्छे-अच्छे को राजनीति के मैदान में समझौते करा देता है इस पोस्टर गर्ल के साथ भी ऐसा हुआ हो कोई आश्चर्य नहीं वैसे भी पिछले चुनाव में इस पार्टी के प्रत्याशी को हजार वोट भी प्राप्त नहीं हुआ वह भी समाज के विधि क्षेत्र से आते थे। दूसरा चेहरा जो समय की चाल बताने वाले चुनाव चिन्ह वाली पार्टी को प्रतिनिधित्व करता है। ने रेलवे से लेकर हाइवे तक अपने बैनर लगाए हैं अलग-अलग समसामयिक विषयों पर टिप्पणी भी करते हैं। बिलासपुर के विकास के लिए दावे भी करते हैं पर अभी तक मतदाताओं से सीधा संपर्क कर पाने में कामयाब हुए या नहीं यह तो वे स्वयं जानते होंगे। इस सबके बीच लोकप्रियता के मामले में कांग्रेस के विधायक ने अन्य सबको पीछे छोड़ रखा है जनता के लिए हमेशा उपलब्ध रहना और घर का दरवाजा खुला रखना इन्हें अन्य नेताओं से हटाता है। हाल ही में हुआ होली मिलन समारोह इस बात को प्रमाणित भी करता है।

A PHP Error was encountered

Severity: Core Warning

Message: Cannot load module 'memcached' because required module 'igbinary' is not loaded

Filename: Unknown

Line Number: 0

Backtrace: