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निगम नहीं मनाएगी दशहरा उत्सव यह सूचना प्रथम नागरिक की हैसियत से महापौर देते तो अच्छा होता

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समाचार :-
बिलासपुर, 1 अक्टूबर 2022। खबर है कि इस बार बिलासपुर शहर में नगर पालिक निगम बिलासपुर रावण दहन का आयोजन नहीं करेगा। इसके पीछे सभापति से शेख नजीरूद्दीन ने कहा कि इस साल निगम के पास वित्तीय संकट की स्थिति है इसलिए दशहरा उत्सव नहीं होगा वैसे यही बात शेख नजीरूद्दीन छोटे के स्थान पर वित्तीय हालात के कारण दशहरा उत्सव नहीं होगा की बात महापौर रामशरण यादव जी ने कही होती। बताया जाता है कि दशहरा उत्सव की शुरुआत 1995 - 96 में हुई थी। महापौर राजेश पांडे जी ने इसकी शुरुआत कराई और रावण वध का काम विधायक बी आर यादव जी के हिस्से आया। तब से यह आयोजन साल दर साल होने लगा कोविड के कारण इसमें अपने आप रोक लग गई। इस साल उम्मीद थी कि फिर से पुराना जोश खरोश फिर से दिखाई देगा और दशहरा उत्सव नगर पालिक निगम बिलासपुर मनाएगा। पर यह है न्यायधानी और यहां से जाने अनजाने कुछ अच्छा भी प्रारंभ हो जाता है। वैसे तो इन दिनों कई पर्यावरण प्रेमी बड़े रावण जलाने का विरोध करते भी हैं फिर दो दशक पहले छत्तीसगढ़ के एक समाज सुधारक ने एक पुस्तक का शीर्षक "मत मारो रावण कुमार को" भी लिखी थी हो सकता है सभापति और महापौर की जोड़ी ने वह किताब पढ़ी हो और उसका पालन करने का मन बना लिया हो, वैसे कुछ लोग दशहरा उत्सव को राजनीतिक गुटबाजी से भी जोड़कर देख रहे हैं उन्हें लगता है कि निगम में पर बी आर यादव खेमे का कब्जा है और विधायक जनता के द्वारा चुना गया व्यक्ति है जो कांग्रेस का तो है किंतु यादव गुट से नहीं हैं ऐसे में मौका पाकर रावण वध का काम भी उनके हाथों से लेकर किन्ही अन्य से कराया जाना से बेहतर है कि इस कार्यक्रम को ही समाप्त कर दिया जाए। वैसे निगम की वित्तीय स्थिति खराब होने का तर्क गले नहीं उतरता। रोज होने वाले फिजूलखर्ची को रोककर एक दिन परंपरा निभाई जा सकती है पर सभापति ने आर्थिक मसले को प्रमुखता देते हुए जो निर्णय लिया है वह ठीक ही होगा पर बेहतर होता नजीरूद्दीन छोटे के स्थान पर इस फैसले की सूचना महापौर रामशरण जी देते ।