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नियमों को ठेंगा दिखाना आदत है इस गैर पंजीकृत क्लीनिक की

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर, 7 सितंबर 2022। ऑक्यूपेशनल थेरेपी की जरूरत उन माता पिता को ज्यादा पड़ती है जिनके बच्चे का मानसिक एवं शारीरिक विकास देरी से होता है। पोलियो ग्रस्त बच्चों के लिए भी यह थेरेपी उपयोगी है। इसका सीधा सा अर्थ है कि इस क्षेत्र में वही पेशेंट आता है जिसे लाभ तेजी से मिलता दिखाई नहीं देता। मध्य नगरी चौक बिलासपुर में बीआरसी नाम से एक क्लीनिक काम कर रहा है और इसे बिना अनुमति चलते हुए 3 वर्ष से अधिक हो चुका है कोविड-19 के पूर्व एक बार स्वास्थ्य विभाग ने दिखावटी नोटिस जारी किया था तब इस क्लीनिक के थैरेपिस्ट डॉक्टर चेतन जांभुलकर ने अपने राजनैतिक रसूख का उपयोग कर फाइल को डंप करा दिया बताते हैं। किंतु छत्तीसगढ़ शासन के नियमों के मुताबिक अनुमति नहीं ली. ... बताया जाता है कि क्लीनिक पर रोज दर्जनों माता-पिता थेरेपी के लिए आते हैं यह बात आश्चर्य की है किस शहर में पंजीकृत ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट अपना पंजीयन कराने से क्यों कतराते हैं जबकि नियमों में यह व्यवस्था है।