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मिलते जुलते नाम से संचालित अस्पताल मरीज होता भ्रमित, कहीं नियमों के बीच से निकलने की कवायद तो नहीं है

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर, 7 सितंबर 2022। शहर में सम्मानित चिकित्सकीय  पेशा इन दिनों नियमों से खेल रहा है। कुछ दिन पूर्व वंदना मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल मंगला चौक अखबारों की सुर्खी था । कारण भवन स्वामी और किराएदार के बीच विवाद, विवाद जब बढ़ गया तो पता चला की वंदना अस्पताल के संचालक डॉ उईके का अपने अन्य साथी डॉक्टर उद्देश्य से भी समानांतर विवाद है बताते हैं कि बाद में उभय पक्षों के बीच एक समझौता हुआ मंगला चौक पर जो अस्पताल संचालित हो रहा है वह वंदना मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल है जिसकी मुख्य कमान डॉक्टर उद्देश्य के पास है और इसी बीच उसलापुर रोड पर एक अन्य अस्पताल न्यू वंदना हॉस्पिटल जिसके बोर्ड पर डॉक्टर उईके का नाम लिखा है संचालित होने लगा इससे यह समझ आया की वंदना मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल डॉक्टर उद्देश्य का है और न्यू वंदना हॉस्पिटल डॉक्टर उईके का है । सितंबर माह में मिशन अस्पताल परिसर में जेकमैन मेमोरियल अस्पताल वंदना हॉस्पिटल डॉक्टर चंद्रशेखर उईके प्रारंभ हुआ इस तरह वंदना के आगे पीछे और ऊपर तीन शीर्षक हो गए पहला पहला वंदना मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल दूसरा न्यू वंदना अस्पताल और तीसरा जेकमैन मेमोरियल वंदना हॉस्पिटल इस तरह नाम के आगे पीछे न्यू, जेकमैन लगाकर आखिर डॉक्टर कौन सा टैक्स चोरी का खेल खेल रहे हैं। इन दिनों अस्पताल का संचालन 4 श्रेणी में हो रहा है पहला समिति द्वारा दूसरा पीवीटी, एलटीडी, तीसरा एलएलपी, और चौथा ट्रस्ट , ट्रस्ट और ट्रस्ट में भी दो भाग हैं प्राइवेट ट्रस्ट और पब्लिक ट्रस्ट और पांचवा प्रोपराइटरशिप। इसे एकल या पार्टनरशिप फर्म के रूप में भी दर्ज कराया जा सकता है। अब बेचारा सीधा-साधा मरीज है इस तकनीकी झमेले में नहीं पड़ता किंतु जिनके पास पंजीयन होना है उन्हें तो इस खेल को समझना चाहिए और मिलते-जुलते नाम का उपयोग करने वाले डॉक्टर आपस में इसे किस रूप में देखते हैं वे समझे।